शिमला, 5 जनवरी : राजकीय रेलवे पुलिस चौकी ऊना (GRP) में तैनात हिमाचल प्रदेश पुलिस कर्मचारियों द्वारा एक सराहनीय कार्य करने का मामला सामने आया है। भारतीय सेना (Indian Army) में हवलदार के पद पर कार्यरत एस प्रभु निवासी तमिलनाडु ने शिमला स्थित मीडिया हाउसेस (Media Houses) को ईमेल भेजकर सूचित किया गया कि वह रेलवे लाइन ऊना (Railway Line Una) में ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या करने जा रहा है, क्योंकि उसे एक महिला ने धोखा दिया है।
ईमेल पढ़ मीडिया हाउसेस ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) नरवीर सिंह राठौड़ ने टीटीआर (TTR) शिमला को सूचित किया। पुलिस अधीक्षक नरवीर सिंह राठौर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जीआरपी थाना कांगड़ा और जीआरपी चौकी ऊना और पुलिस जवानों को इस संदर्भ में उचित दिशा-निर्देश दिए। अधीक्षक ने बताया कि एस प्रभु के मोबाइल फोन की लोकेशन भी खंगाली गई।
उन्होंने बताया कि जीआरपी चौकी ऊना पुलिस टीम को योजना के तहत रेलगाड़ी के इंजन (लोकोमोटिव) वाले केबिन में बिठाया गया। रेलगाड़ी दौलतपुर से ऊना की तरफ आ रही थी। धीमी रफ्तार से चलते हुए जब ट्रेन ऊना के पास पहुंची तो एक व्यक्ति ट्रेन की पटरी के पास दिखाई दिया। पुलिस जवान ने मौके पर ही रेल से उतरकर उसे काबू कर लिया।
पूछताछ करने पर उसने अपना नाम एस प्रभु निवासी तमिलनाडु बताया। व्यक्ति ने बताया कि वह आत्महत्या करने की नीयत से यहां पर खड़ा था और उसने अपने को भारतीय सेना का जवान बताया था। जीआरपी ऊना की पुलिस टीम ने उसे शख्स को सीआरपीसी (CRPC) की धारा 107,151 के तहत पुलिस सुरक्षा में रखा। भारतीय सेना के जवानों से जानकारी एकत्र की गई तो पाया गया कि शख्स भारतीय सेना में हवलदार के पद पर कार्यरत था। वर्ष 2022 में सेना से छुट्टी आने के बाद वापस ड्यूटी ज्वाइन न करने पर उसे विशेष सेवा से भगौड़ा घोषित किया गया था।
जीआरपी चौकी ऊना एवं जीआरपी थाना कांगड़ा के पुलिस कर्मचारियों द्वारा एस प्रभु को कैंप योल धर्मशाला में सेना के हवाले कर दिया गया है। पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई से एस प्रभु की जान बचाई गई। जीआरपी चौकी ऊना टीम सहायक उप निरीक्षक अजय ऐरी के नेतृत्व में आरक्षी आनंद, रमन शर्मा, कमल देव, राहुल एवं अनिल द्वारा कार्रवाई करते हुए सराहनीय कार्य को अंजाम दिया है। गुरदेव चंद शर्मा डीआईजी ने टीटीआर और जीआरपी पुलिस जवानों द्वारा की गई सफल एवं सराहनीय कार्रवाई पर उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।