केलांग, 27 दिसंबर : हर वर्ष स्पीति घाटी के चिचम और किब्बर (chicham and kibber) गांव में विंटर सीजन में हिम तेंदुए (Snow Leopards) को देखने के लिए टूरिस्ट्स भारी संख्या में आते हैं। विश्व के जाने माने फ़ोटोग्राफ़र और डॉक्यूमेंट्री बनाने वाले भी कई संख्या में हिम तेंदुए को अपने कैमरे में क़ैद करने के लिए पहुंचते हैं। इससे चिचम और किब्बर के कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। इसी ईको टूरिज्म (Eco Tourism) को शाश्वत रूप से चलाने के लिए वन्य प्राणी मंडल स्पीति द्वारा इस वर्ष चिचम तथा किब्बर गांव में ईको डेवलपमेंट कमेटियों का गठन किया गया है।
इसके तहत स्थानीय लोग और वन विभाग साथ में मिलकर ईको टूरिज्म को नियंत्रित करेंगे और बढ़ावा देंगे। इस बारे वन मंडल अधिकारी स्पीति मंदार जेवरे ने कहा कि “इन इको डेवलपमेंट समितियों के माध्यम से वन्यजीव संवर्धन और ईको टूरिज्म को शाश्वत रूप से चलाने में सहायता होगी। इन ईको डेवलपमेंट समितियों के माइक्रो प्लान बनाए जाएंगे, जिसके तहत चिचम व किब्बर गांव में वन्यजीव संरक्षण एवं गांव के विकास के काम किए जाएंगे।
माइक्रो प्लान के अनुसार बजट का आवंटन होगा और वन्यजीव संवर्धन तथा ईको डेवलपमेंट के कार्यों को चालना मिलेगी। ईको डेवलपमेंट समिति के हर सदस्य को वन विभाग की ओर से पहचान पत्र भी दिए जाएंगे। हर ईको डेवलपमेंट समिति की कार्यकारिणी समिति बनाई गई है, जिसे भारतीय वन कानून 1927 (Indian Forest Act 1927) के तहत फॉरेस्ट ऑफिसर के पास पॉवर्स होंगे और ये समितियां ईको डेवलपमेंट समितियों के कार्य तथा अकाउंट्स की देखरेख करेंगी। इससे लोगों को भी रोज़गार प्राप्त होगा और वन्यजीवों के बारे में टूरिस्ट्स अधिक जानकार बनेंगे।”