शिमला, 24 दिसंबर : पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में ‘माननीय विधायक’ गाड़ी पर झंडी लगाने को बेकरार हैं। दिलचस्प ये है कि सत्ता पक्ष व विपक्ष के सुर भी मिले हैं। दरअसल, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ये मामला सदन में गूंजा। गाड़ियों पर झंडियों को बहाल करने को लेकर सदन में कांग्रेस व भाजपा के विधायक एकमत नजर आए।
सवाल उठाया गया, अफसरशाही तो गाड़ियों पर झंडियों का इस्तेमाल कर रही है तो उनके वाहनों को झंडियां इस्तेमाल क्यों नहीं करने दी जा रही। भाजपा विधायक त्रिलोक जम्वाल ने ये तक कहा कि विधायकों के वाहनों के चालान कट रहे हैं। प्रोटोकॉल मुख्य सचिव से ऊपर का है, लेकिन पुलिसकर्मी वाहन को रोक लेते हैं।
इसी बीच कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने भी पूछा कि अफसरों के वाहनों पर फ्लैश किस अधिनियम के तहत लग रहे हैं। गौरतलब है कि सिरमौर में एक आईएएस (IAS) अधिकारी द्वारा फ्लैशर लाइट के इस्तेमाल पर खासा बवाल मचा था। अधिकारी ने आपदा को वजह बताया था। लेकिन सदन में विधायकों का तर्क था कि आपातकालीन स्थिति में अफसरों से पहले विधायक मौके पर पहुंचते हैं। कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। इसी बीच कांग्रेस के राजेंद्र राणा व भाजपा के विनोद कुमार ने भी झंडी लगाने का समर्थन किया।
गौरतलब है कि पहले विधायकों को ‘रैड लाइट’ के इस्तेमाल का भी अधिकार प्राप्त था। एक दौर ऐसा भी आया, जब वीआईपी कल्चर (VIP Culture) समाप्त करने की दिशा में कदम उठाए जाने लगे थे। बहरहाल, सदन में ये भी मुद्दा उठा था कि जब 2021 में संशोधन हो गया था तो इसे लागू क्यों नहीं किया गया।