नाहन, 2 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश में भाजपा की राजनीति का एक स्तम्भ ‘देवेंद्र चौधरी’ 80 शनिवार शाम संसार से रुखसत हो गया है। 25 साल की उम्र में नौकरी छोड़ जनसंघ की विचारधारा से जुडे़।
हालांकि, जनसंघ व बीजेपी की बुनियाद को हर तरीके से मजबूत करते रहे, लेकिन पार्टी में इस कारण भी पहचान बनाई, क्योंकि वो कठिन दौर में भी पार्टी की सेवा में तत्पर तो रहते ही थे, साथ ही नाहन में जनसंघ के प्रचार में आने वालों को खाना खिलाने व रात्रि ठहराव कराने वाले एकमात्र शख्सियत हुआ करते थे।
17 जनवरी 1944 को जन्में दिवंगत चौधरी ने ताउम्र पद की लालसा नहीं की। पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार जब नाहन सैंट्रल जेल में थे, उस समय दिवंगत चौधरी ही जेल में खाना पहुंचाने की व्यवस्था को संभालते थे। वो ऐसा दौर था, जब भाजपा के इक्का-दुक्का कार्यकर्ता ही हुआ करते थे।
पार्टी के शीर्ष नेता दिवंगत चौधरी के अतिथि सत्कार के भाव से बखूबी परिचित रहे हैं। इसमें दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण अडवानी जैसी शख्सियतें भी शामिल हैं। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी दिवंगत चौधरी के सेवाभाव से बखूबी परिचित हैं।
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा विधानसभा चुनाव से पहले नाहन आए थे। चौगान मैदान में जब दिवंगत देवेंद्र चौधरी को हाथ में फूलों की माला लेकर कतारबद्ध देखा तो झट से गले लगाकर चंद पल बिताए। एक पल के लिए मंच पर ये सवाल पैदा हो गया था कि नड्डा जी क्यों रुक गए।
दिवंगत चौधरी एक बात हमेशा कहा करते थे…‘नाहन में भाजपा का कमल खिलता देखना चाहता हूं।’ जब डॉ. राजीव बिंदल चुनाव जीते तो कहते थे…‘अब सुकून मिला है।’ दिवंगत चौधरी अपने पीछे चार बेटों दुर्गेश, प्रवीण, मनोज व दीपक के परिवारों को छोड़ गए हैं। दिवंगत चौधरी के निधन की सूचना मिलते ही समूचे शहर में शोक की लहर दौड़ गई।
दिवंगत चौधरी का पौत्र अभिषेक चौधरी उनके नक्शे कदम पर चलने की कोशिश कर रहा है। शोक संतप्त परिवार ने बताया कि रविवार सुबह 11 बजे दाह संस्कार किया जाएगा।