बिलासपुर, 27 सितंबर : प्रदेश की झीलों में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मत्स्य विभाग ने कलकत्ता से बीज मंगवाया है। जिसे हिमाचल की झीलों में डाला जा रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को गोविंद सागर झील में दूसरी बार मछली का बीज डाला गया, जिससे गोविंद सागर में मछली की पैदावार अच्छी हो सके। वहीं, अगले सप्ताह में कोलडैम झील में भी मछली बीज डाला जाएगा।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर चंचल ठाकुर ने बताया कि प्रदेश की सभी झीलों में मछली उत्पादन को मजबूत करने के लिए करीब 41 लाख मछली बीज डाला जा रहा है। जिसमें से बिलासपुर की गोविंद सागर झील में ही 30 लाख बीज डाला जा रहा है। 15 लाख सिल्वर कार्प और 15 लाख अन्य प्रजातियों में रोहू, मृगल, कॉमन कार्प, ग्रास कार्प और कतला का बीज डाला गया है। उन्होंने बताया कि गोविंद सागर झील में ये दूसरी खेप डाली जा रही है और अगले सप्ताह इसकी तीसरी खेप भी पहुंचने वाली है। उन्होंने बताया की इसी तरह का बीज आगामी सप्ताह में कोल डैम झील में भी डाला जाएगा।
वहीं, विभाग को बीज उपलब्ध करवा रहे वेंडर अन्वेश शर्मा ने बताया कि इस बार काफी तंदुरुस्त किस्म का बड़ा बीज कलकत्ता से लाया गया है, जिससे गोविंद सागर झील सहित अन्य झीलों में अच्छा मछली उत्पादन हो सकेगा। वहीं, मछुआरे रूपलाल ने बताया कि विभाग की ओर से मछली उत्पादन के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। इस बार जो बीज डाला जा रहा है वो काफी बड़े साइज का होने से अच्छे मछली उत्पादन की उम्मीद है।