संगड़ाह,4 अगस्त : शिक्षा खंड के अंतर्गत आने वाले राजकीय प्राथमिक पाठशाला दांथल के भवन का आधा हिस्सा मलबे में दबने व 23 बच्चों को जान का खतरा होने के बावजूद शिक्षा विभाग, लोक निर्माण विभाग व जिला प्रशासन का कोई अधिकारी यहां सुध लेने नहीं पहुंचा है।
शुक्रवार को तेज बारिश के बाद स्कूल के रसोई घर से जहां पानी व गाद का झरना फूट पड़ा, वहीं अध्यापकों को पढ़ाई की जगह बच्चों की जान की चिंता सताने लगी है। SC बस्ती दांथल के ग्रामीणों व SMC पदाधिकारियों ने बताया कि यहां करीब 2 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन लोक निर्माण के सड़क की खुदाई के बाद सड़क के निचले हिस्से में सुरक्षा दीवार अथवा डंगे न लगाए जाने से इस सरकारी विद्यालय पर बारिश में मलबा आने का खतरा शुरू हुआ।
इस मामले में वह 2019 से अब तक कईं बार एसडीएम अधिशाषी अभियंता व खंड शिक्षा अधिकारी संगड़ाह उपायुक्त जिला सिरमौर तथा स्थानीय विधायक से शिकायतें कर चुके हैं। मगर किसी ने भवन व बच्चों की सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं दिया। खंड शिक्षा अधिकारी संगड़ाह जोगिंद्र पुंडीर ने कहा कि शिक्षा विभाग अथवा सरकार द्वारा स्कूल को निजी भवन में बदला जा सकता है। यदि कोई निशुल्क अपना भवन उपलब्ध करवाए तो वहां प्राथमिक पाठशाला चल सकती है।
मलबे में दबे आधे स्कूल भवन का निरीक्षण न करने को लेकर BEEO ने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में स्कूल प्रबंधन समिति को कोई कार्रवाई करनी चाहिए। एसडीएम संगड़ाह ने कहा कि एसडीओ को स्कूल भवन से मलबा हटाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भूस्खलन की जद में आए स्कूल भवन की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिए बजट स्वीकृत करवाने के लिए शिक्षा विभाग के संबंधित अधिकारी को उपायुक्त सिरमौर के पास आवेदन करना चाहिए।
बहरहाल, दांथल स्कूल में हिमाचल सरकार व सिरमौर जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन के दावे ढकोसले साबित हो रहे हैं। यहां भारी बारिश के दौरान बच्चों पर मंडरा रहे खतरे से अभिभावक सहमे हुए हैं।