केलांग 27 जुलाई : 11 जुलाई को दारचा शिंकुला दर्रे पर मार्ग के बहाली में जुटे लापता व्हील लोडर ऑपरेटर परगट सिंह का 17वें दिन भी कोई सुराग नहीं मिल पाया है। सर्च ऑपरेशन दल की टीम वीरवार को भी ड्रोन व मेटल डिटेक्टर के माध्यम से तलाश में जुटी रही।
बता दें कि 11 जुलाई को सीमा सड़क संगठन के व्हील लोडर ऑपरेटर परगट सिंह (24) दारचा से 21 किलोमीटर शिंकुला दर्रा की ओर काम पर जुटे हुए थे। शाम 4:00 बजे के करीब अचानक पहाड़ से बादल फटने से मलबे की चपेट आने से मशीन सहित नाले में जा गिरे। गनीमत यह रही कि ऑपरेटर के सहायक मशीन के अंदर मौजूद नहीं थे और वह अपनी जान बचाने में सफल रहे।
उपायुक्त जिला लाहौल स्पीति राहुल कुमार ने घटनास्थल पर जाकर सर्च टीम के साथ जायजा लिया। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक मयंक चौधरी भी मौजूद रहे। उपायुक्त ने बताया कि परगट सिंह पुत्र बलविंदर सिंह जिला कुरुक्षेत्र गांव बोधनी पोस्ट ऑफिस पिहोवा हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। 11 जुलाई शिंकुला मार्ग पर बादल फटने से आए मलबे की चपेट में काम करते हुए अपनी मशीन के साथ नीचे गहरे नाले में गिरे, जहां से वे लापता हैं।
उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि पानी के तेज बहाव में शव बह चुका है या फिर भारी मलबे में दब गया है। उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन की टीम को मशीन के करीब परगट सिंह के लाइसेंस का टुकड़ा, गमछा व लिप गार्ड बरामद हुआ है। उन्होंने परगट सिंह के भाई के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि एनडीआरएफ के स्निफर डॉग की मदद भी ली जाएगी।
परगट सिंह के बड़े भाई मलकीत सिंह जो कि स्वयं सेना में है ने बताया कि परगट सिंह हम तीन भाइयों में से यह सबसे छोटा था और नवंबर माह में इसकी शादी भी तय हो गई थी। मां घर पर अपने सबसे छोटे लाडले के दुखद समाचार पाकर सदमे में है।
उधर 126 आरसीसी सीमा सड़क संगठन के अधिकारी सिद्धांत देशमुख ने बताया कि परगट सिंह एक बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे और जांबाज ऑपरेटर थे। अपनी शादी को लेकर बेहद उत्साहित थे, उन्होंने छुट्टी के लिए भी आवेदन कर रखा था। उनके शव की तलाश में सीमा सड़क संगठन के कामगारों को भी सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है।
सर्च ऑपरेशन में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के द्वितीय वाहिनी कुल्लू-कार्गा से एएसआई फकीरचंद के नेतृत्व में सीमा सड़क संगठन के तथा पुलिस के जवान भी सर्च ऑपरेशन में लगे हुए हैं।