शिमला, 29 जून : टीजीटी (TGT) से हेडमास्टर पदोन्नति का पैनल वर्तमान में सबसे धीमा हो चुका है। 20 से 28 साल इंतजार पर भी टीजीटी को हेडमास्टर प्रमोशन (Headmaster Promotion) नहीं मिलने से शिक्षक मूल टीजीटी पद पर ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। प्रदेश में 923 हेडमास्टर पद के लिए 23 हज़ार शिक्षक इंतज़ार में हैं । इनमें 16,318 टीजीटी और 6,682 प्रमोटी प्रवक्ता शामिल हैं। ऐसे में प्रदेश के करीब तीन हज़ार टीजीटी बड़े लंबे अरसे से अपनी पहली प्रमोशन के लिए तरस रहे हैं।
दूसरी ओर टीजीटी से प्रवक्ता प्रमोट हो चुके शिक्षक भी हेडमास्टर बन रहे हैं। इधर टीजीटी से हेडमास्टर प्रमोशन सूची विलंब के चलते कई टीजीटी इस साल भी बिना प्रमोशन रिटायर हो गए। हेडमास्टर के कम पद होने पर सबके सपने चकनाचूर हो रहे हैं, क्योंकि हेडमास्टर के 923 पद हाई स्कूलों में ही मौजूद हैं और 1948 मिडल स्कूलों में ये पद आज तक सृजित नहीं हो सके हैं।
ऐसे में राजकीय टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि प्रदेश के मिडल स्कूलों में हेडमास्टर के पद सृजित करते हुए स्टाफ की कमी दूर करते हुए प्रशासनिक गुणवत्ता लाई जाए।