सोलन, 22 जून : सफलता की कोई उम्र नहीं होती है। हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार परवाणू की बेटी “साक्षी कोचर” ने भी कुछ ऐसा ही कर के दिखाया है, यकीन मानिये 18 साल की उम्र में ही कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) पाने का कारनामा कर दिखाया है। इसी के साथ साक्षी कमर्शियल पायलट (Commercial Pilot) का लाइसेंस पाने वाली देश की सबसे युवा बनने का गौरव भी हासिल किया है।
किशोर अवस्था में में ही साक्षी ने अपने जीवन का लक्ष्य तय कर लिया था। साक्षी ने दस साल की उम्र में ही पायलट बनने का सपना देखा था। उसी दिन से इतनी कड़ी मेहनत शुरू कर दी कि अगले 7-8 साल के भीतर ही अपने सपने को सच (Dream Come True) कर दिखाया, और एक नया कीर्तिमान (record) स्थापित कर दिया।
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30 मई 2005 को एक मध्यम व्यापारी परिवार में जन्मी साक्षी बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी। साक्षी की सफलता में परिवार का अहम योगदान रहा है। दरअसल, विदेश से पायलट (Pilot) की ट्रेनिंग (Training) पर लाखों खर्च होते है। साक्षी ने भी CPL पाने के लिए 70 लाख रुपए खर्च किए। साक्षी ने कहा कि परिवार (Family) के समर्थन (Support) के बिना ये सफलता पाना नामुमकिन था।
साक्षी ने अपनी दसवीं की पढाई परवाणू से पूरी की। इसके बाद मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल चंडीगढ़ (Chandigarh) से बारहवीं की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद साक्षी ने सफलता की सीढियां चढ़ना शुरू की। 12 वीं पास करने के बाद साक्षी मुंबई में स्काईलाइन एविएशन क्लब (SkyLine Club) में कमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) की ट्रेनिंग के लिए दाखिला लिया। चार महीने के शुरुआती थ्योरी ट्रेनिंग (Theory Traning) को पूरा करने के बाद क्लब ने साक्षी को संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में उन्नत उड़ान प्रशिक्षण के लिए भेजा।
सूरत की मैत्री पटेल का तोडा रिकॉर्ड
साढ़े सात महीने में लक्ष्य को भेदने वाली साक्षी ने देश की सबसे कम उम्र की सीपीएल होल्डर (CPL Holder) बनने का गौरव प्राप्त किया। इससे पहले ये रिकॉर्ड सूरत (Surat) की मैत्री पटेल के नाम था। ओलपाड़ क्षेत्र के एक किसान परिवार की बेटी मैत्री पटेल ने अमेरिका में प्रशिक्षण हासिल कर भारत के सबसे कम उम्र की महिला कमर्शियल पायलट बनने का रुतबा हासिल किया था।
आमतौर पर 18 महीनों का प्रशिक्षण होता है। जरूरत महसूस होने पर इसे छह माह तक और बढ़ाया जा सकता है। मैत्री पटेल ने 11 महीनों में ही सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लाइसेंस हासिल किया था।