शिमला, 19 जून : मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू (CM Sukhwinder Sukhu) से आश्वासन मिलने के बाद आखिरकार जेबीटी यूनियन (JBT Union) के सदस्यों ने हड़ताल समाप्त कर दी है। इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ने ये आश्वासन दिया है कि जब तक पूरे मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक न तो नई भर्तियां की जाएगी और न ही नियुक्तियां होगी। ऐसे में जेबीटी (JBT) को इससे बड़ी राहत मिली है।
हिमाचल में प्रशिक्षित बेरोजगार जेबीटी शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया था। बीते रोज शिक्षकों ने सीटीओ (CTO) के बाहर धरना प्रदर्शन किया था। रविवार रात को ही जेबीटी प्रशिक्षु (JBT Trainee) राज्य सचिवालय (Secretariat) के बाहर धरने पर बैठ गए थे। सोमवार सुबह प्रदेशभर से बेरोजगार जेबीटी व डीएलएड (Diploma in Elementary Education) डिप्लोमा धारक धरने में शामिल हुए। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई।
आरोप था कि जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को मान्यता दी गई है। जबकि यह मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) में विचाराधीन है। प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में आज तक दो वर्षीय डिप्लोमा धारक जेबीटी या डीएलएड को ही नियुक्तियां दी जाती है। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (NTT) ने बीएड डिग्री धारकों को भी जेबीटी पदों के लिए मान्यता देने का निर्णय लिया है।