चौपाल, 30 अप्रैल : राजधानी शिमला के नागरिक उपमंडल चौपाल में 41वें एसडीएम के रूप में एचएएस अधिकारी नारायण सिंह चौहान ने पदभार संभाला है। इसके साथ ही एसडीएम कुपवी का अतिरिक्त कार्यभार भी उन्हें सौंपा गया है।
नारायण सिंह चौहान इससे पहले तहसीलदार, हिमाचल प्रदेश वित्तीय निगम और हिमाचल प्रदेश एससी/एसटी विकास निगम में कलेक्टर तथा जिला राजस्व अधिकारी के पद पर सोलन, ऊना, कांगड़ा और सिरमौर सहित प्रदेश के कई जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके है। बेहद ही हंसमुख और सौम्य स्वभाव वाले तेजतर्रार अधिकारी नारायण सिंह चौहान को उनके द्वारा जनहित में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए कई सामाजिक, धार्मिक, गैर–सरकारी और सरकारी संस्थाओं द्वारा अनेकों मर्तबा सम्मानित किया गया है।
सिरमौर जनपद में पांवटा साहिब तहसील के बनौर गांव में एक अति निर्धन किसान परिवार में जन्में नारायण सिंह चौहान ने अपने पिता को महज 4 वर्ष की कच्ची उम्र में ही खो दिया था। परिवार की आर्थिक हालत इतनी दयनीय थी की भरण–पोषण के भी लाले पड़े हुए थे। मजबूरन नारायण सिंह चौहान को उनकी बड़ी बहन और जीजा अपने गांव ले गए और वहीं पर उनका पालन पोषण किया, और एक सरकारी स्कूल में दाखिला दिलवाया। अपने जीजा के गांव से स्कूल तक पहुंचने के लिए रोजाना 6 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा किया।
पढ़ाई के प्रति उनकी लगन को देखकर उनकी दीदी और जीजा ने अपनी खराब आर्थिक हालत की परवाह किए बगैर गुवाहाटी के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने तक का सारा खर्च उठाया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नारायण सिंह चौहान ने लखनऊ और देहरादून की कुछ प्रतिष्ठित निजी कंपनियों में करीब साढ़े तीन साल तक नौकरी की और इसके साथ–साथ मास्टर डिग्री और एमबीए की पढ़ाई को भी पूरा किया। इसी दरमियान प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते रहे और अपनी मेहनत के दम पर हिमाचल प्रदेश सरकार में राजपत्रित राजस्व अधिकारी की नौकरी हासिल करने में कामयाब हुए।
नारायण सिंह चौहान ने बताया की चौपाल में सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना और लोगो की समस्याओं का समाधान करना। इलाके में कृषि एवं बागवानी को और ज्यादा मजबूती प्रदान करना और चौपाल में पर्यटन को बढ़ावा देना। प्रदेश सरकार की सभी नीतियों, योजनाओं और निर्देशों को सही परिप्रेक्ष्य और तीव्रता के साथ लागू करना। क्षमता जवाबदेही और पारदर्शिता के तीन मूल सिद्धांतों के अनुरूप कार्य करके लोगों की सेवा करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।
बता दे कि इससे पहले भी वर्ष 1971 से लेकर अब तक 7 मर्तबा आईएएस अधिकारी और 34 मर्तबा एचएएस अधिकारी चौपाल में एसडीएम का जिम्मा संभाल चुके है। इन सभी अधिकारियों की सफलताओं के पीछे भी ऐसी ही रोचक और प्रेरणादायक कहानियां छिपी है, जिससे हम सभी को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है।