शिमला (एमबीएम न्यूज) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ दिल्ली में चल रहे मनी लांड्रिंग केस को लेकर यधपि कांग्रेस पार्टी, विधायक दल और मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री के समर्थन में प्रस्ताव पास किया है, लेकिन कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता तथा उनके समर्थक हाल ही में जो इन मामलों में दिल्ली में घटनाक्रम हुआ है, उसको लेकर बड़े चिंतित हैं।
बुधवार को मुख्यमंत्री के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सारा मामला चर्चा में होने लगा है। उपरोक्त मामले में और गिरफतारियां होने की संभावना को लेकर प्रदेश के राजनीतिक क्षेत्रों में और कानूनी विशेषज्ञों में भी यह घटनाक्रम चर्चा का विषय बना हुआ है।
उधर, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करके मनी लांड्रिंग केस में ईडी द्वारा संभावित गिरफतारी को लेकर सुरक्षा के लिए याचिका दायर की है। प्रर्वतन निदेशालय ने सीबीआई की जांच के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने वर्ष 2009 से 2012 तक केंद्रीय मंत्री रहते हुए आय से ज्यादा सपंति जमा की थी। इससे पूर्व सीबीआई और ईडी ने हाईकोर्ट के समक्ष माना था कि वह दोनों मामलों में ईडी तथा सीबीआई द्वारा बरामद किए गए दस्तावेज अदालत में पेश कर देंगे।
मुख्यमंत्री के हाईकोर्ट से आग्रह किए जाने के बाद दोनों सीबीआई और ईडी ने उपरोक्त मामलों के संबंध में दस्तावेज देने से इंकार कर दिया था। लेकिन न्यायमूर्ति आसुतोष कुमार ने सीबीआई की दलील को रदद करके पूछा था कि जांच एजेंसियां कैसे इस परिणाम पर पहुंची कि उन्होंने आय से ज्यादा संपति इक्कठी की।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि वीरभद्र सिंह के पास दूसरे कानूनी विकल्प भी हैं। जिसके द्वारा वे सीबीआई के परिणाम को चुनौती दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर अगले हफते सुनवाई की जाएगी।