नाहन (एमबीएम न्यूज): आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं कांग्रेसी नेता राजेंद्र राणा ने कहा कि मुझे प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल दोनों के साथ कार्य करना का मौका मिला। जब उनसे यह पूछा गया कि धूमल-वीरभद्र में कौन सबसे बेहतर मुख्यमंत्री रहा, तो उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बातचीत में अच्छे हैं, प्यार से बोलते हैं, लेकिन वायदा निभाने में कमजोर हैं। जबकि इसके विपरीत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बोलते भी अच्छे हैं और वायदे भी पूरा करते हैं। उनकी राजनीतिक विल पॉवर बेहद स्ट्रांग हैं। उनका कहना था कि मेरे जीवन में कोई भी विरोधी नहीं है।
बता दें कि राजेंद्र राणा कांग्रेस से पहले भाजपा के नेता रहे। राणा शनिवार को नाहन के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रदेश के हर जिला का दौरा कर लोगों की मांगे पूरी कर रहे हैं, उससे बीजेपी के नेतत्व की नीदें उड़ गई हैं। राणा ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दो वर्ष पूर्व लोकसभा चुनाव में जिन वायदों के साथ एनडीए सरकार सत्ता में आई थी, उन पर सरकार खरा नहीं उतरी है। महंगाई ने लंबी छलांग लगाकर दो वक्त की रोटी लोगों के लिए मुश्किल कर दी है।
इसके विपरीत यदि प्रदेश में वीरभद्र सरकार 37 लाख लोगों को सस्ता राशन मुहैया न करवाए, तो यहां के लोगों में भी महंगाई को लेकर त्राहि-त्राहि मच जाती। विदेशों से काला धन वापिस नहीं आया। लोगों के यह बोलकर बैंक में खाते खोल दिए गए कि उनके खातों में 15-15 लाख रुपए आएंगे। हर रोज कोई न कोई व्यक्ति बैंक में जाकर यह पूछता है कि उनके खाते में कितने पैसे आए। लेकिन लोगों को इस मामले में भी केंद्र सरकार ने झूठे सब्जबाग दिखाए।
राणा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी द्वारा प्रदेश को 43 नैशनल हाइवे देने की घोषणा की गई, जिसका वह स्वागत करते हैं। साथ ही 50 हजार करोड़ रूपए सडक़ों के लिए स्वीकत करने की घोषणा हुई। इस पर उनका केंद्रीय मंत्री से सवाल है कि जब सडक़ों की डीपीआर तैयार नहीं हुई, भूमि अधिग्रहण नहीं हुई, तो केंद्रीय मंत्री ने 50 हजार करोड़ रूपए का एस्टीमेट कैसे लगा लिया। उन्होंने इस मामले में शक जाहिर किया कि केंद्र सरकार के पूर्व में किए गए वायदों की तरह कहीं यह वायदा भी चुनावी जुमला न रह जाए।
उधर राणा ने यहां बचत भवन के सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता भी की। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सबसे पहले स्थानीय लोग की अपना सहयोग देते हैं, जिसके लिए विशेषकर ग्रामीण स्तर पर युवाओं को प्रषिक्षित करना परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थियों को भी आपदा के बारे प्रशिक्षण दिया जाएगा ।
उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि पहली जुलाई से जिला एवं उप मण्डल स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करके उन्हें क्रियाशील बनाया जाए, ताकि बरसात के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा की सूचना तथा बचाव व राहत कार्य समय पर आरंभ किए जा सके। उन्होंने कहा कि नियंत्रण कक्ष में तैनात कर्मचारियों को निर्देश जारी किए जाएं कि वह सदैव सजग रहें और लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला के सभी प्रशासनिक एवं पंचायत कार्यालयों के बाहर प्रमुख अधिकारियों के लैंडलाइन एवं मोबाईल नम्बर प्रदर्शित किए जाए, ताकि लोग किसी प्रकार की आपदा के समय इन नंबरों के माध्यम से सूचना पहुंचा सके।