राजगढ़, 02 जनवरी : पहली जनवरी 2016 के उपरांत रिटायर हुए उम्रदराज कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से संशोधित कम्यूटेशन व डीसीआरजी एक मुश्त जारी करने की मांग की गई है।
बता दें कि पिछली भाजपा सरकार ने खजाना खाली के नाम पर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप संशोधित पेंशनरों की डीसीआरजी और कम्यूटेशन रोक दी थी। जिससे पेंशनर्स ने आहत होकर कांग्रेस को पूर्ण समर्थन दिया। पेंशनर्स को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू नव वर्ष में उनकी जायज मांग पर सहानुभूति विचार करेंगे।
पेंशनर्स का कहना है कि पूर्व भाजपा सरकार ने पेंशनर्स ही नहीं अपितु सेवारत कर्मचारियों के साथ घोर अन्याय किया है। पहली जनवरी 2016 के उपरांत रिटायर हुए कर्मचारी प्रेम चंद कश्यप, सविता शर्मा, रमेश कुमार, अमीचंद, राकेश, सलोचना देवी सहित अनेक पेंशनर्स ने बताया कि पेंशनर्स की देनदारियां रोकना तर्कसंगत नहीं है। क्योंकि रिटायर कर्मचारी अपने जीवन के चौथे पड़ाव पर पहुंच चुके हैं।
रिटायर कर्मचारियों ने बीते कई वर्षों से उम्मीद लगा रखी है कि संशोधित ग्रेच्युटी व कम्यूटेशन मिलने से वह अपने जीवन-यापन के लिए कोई कारोबार आरंभ करने के सपने संजोए हुए थे, जिस पर पूर्व भाजपा सरकार ने पानी फेर दिया है। कुछ रिटायर कर्मचारियों ने अपने बच्चों की पढ़ाई, ट्रेनिंग अथवा शादी करवाने की योजना बनाई थी, जोकि संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन न मिलने से पूरी नहीं हो पाई।
रिटायर कर्मचारियों का कहना है कि पूर्व भाजपा सरकार ने बीते एक साल से कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के एरियर देने पर उलझाया। सेवानिवृत आईएफएस अधिकारी डाॅ. कुलदीप तंवर ने बताया कि 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उम्रदराज रिटायर कर्मचारियों को पूर्व भाजपा सरकार ने विशेष तौर पर 5 से 15 प्रतिशत पेंशन में लाभ देने का ऐलान किया था। परंतु वह भी फाईलों में दफन होकर रह गया है।
इनका कहना है कि अनेक पेंशनर्स के मामले एक वर्ष से महालेखाकार शिमला में लंबित पड़े है, जिस कारण पैंशनर्स ने महालेखाकार कार्यालय और पूर्व सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। डाॅ तंवर सहित सभी पेंशनर्स ने सरकार से मांग की है कि संशोधित ग्रेच्युटी और कम्यूटेशन का भुगतान एकमुश्त किया जाए।