नाहन, 29 दिसंबर : शिलाई विधानसभा क्षेत्र (Shillai Assembly Constituency) से कांग्रेसी विधायक हर्षवर्धन चौहान (MLA Harshvardhan Chauhan) ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुरेश कश्यप सहित भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए तीखा प्रहार किया है। सरकारी कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप के बयान पर हर्षवर्धन चौहान ने साफ किया कि प्रदेश को कैसे चलाना हैं, यह वर्तमान कांग्रेस सरकार का काम है, क्योंकि बीजेपी (BJP) ने चुनाव में वोट ऐंठने के इरादे से बिना किसी योजना के करीब 900 सरकारी कार्यालय खोल दिए। हर्षवर्धन चौहान वीरवार को जिला मुख्यालय नाहन में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे थे।
विधायक हर्षवर्धन ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप का बोलना स्वाभाविक है, क्योंकि उनके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव (assembly elections) में करारी हार का सामना करना पड़ा है। लिहाजा उनकी बौखलाहट स्वाभाविक है। भाजपा ने चुनाव में वोट ऐंठने के मकसद से बिना किसी बजट व योजना के बहुत से सरकारी कार्यालय खोले थे। इन्हें खोलने के बावजूद भी भाजपा को चुनाव में कोई विशेष लाभ नहीं हुआ।
लिहाजा, भाजपा नेताओं को इन कार्यालयों को डिनोटिफाई करने पर तकलीफ भी हो रही है। प्रदेश को कैसे चलाना हैं, यह काम वर्तमान कांग्रेस सरकार का है। भाजपा जाते-जाते रेवडिय़ों के भाव सरकारी कार्यालय खोल गई। पूर्व सरकार ने अंतिम 6 महीनों में ही करीब 900 सरकारी कार्यालय खोल दिए। इसमें डीएसपी, आईपीएच, पीडब्ल्यूडी, बिजली बोर्ड आदि शामिल हैं।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि अकेले बिजली बोर्ड के लिए 32 कार्यालय पूर्व सरकार ने खोल दिए। हैरानी की बात यह है कि पिछले 40 सालों में बिजली बोर्ड के 6 सरकारी कार्यालय ही खोले गए थे। इसके विपरीत पिछले 6 महीने में 32 बिजली बोर्ड के कार्यालय खोल दिए गए। वर्तमान में बिजली बोर्ड 1858 करोड़ के नुकसान में है। वहीं आज सरकारी कर्मचारियों को देने के लिए वेतन नहीं है। सरकारी खजाने को पूर्व की सरकार खाली गई है। आज प्रदेश पर 75000 करोड़ रुपये का कर्ज है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पूर्व में भाजपा सरकार ने पिछले 6 महीनों में जो सरकारी कार्यालय खोले थे, उन्हें चलाने के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये सालाना की जरूरत है।
हैरानी की बात यह है कि पूर्व सरकार ने इन कार्यालयों के लिए कोई नई नियुक्ति नहीं की। पुराने सरकारी कार्यालयों से उठाकर यहां एक या दो कर्मचारी तैनात कर दिए गए। भाजपा की इस नीति से न तो पुराने सरकारी कार्यालय ठीक से चल पा रहे हैं और न ही नए कार्यालय।
लिहाजा, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) ने नीतिगत फैसला लेते हुए पिछले 6 महीने में नियमों को दरकिनार कर खोले गए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया है। साथ ही जनहित में जो कार्यालय होंगे, उन्हें दोबारा से सरकार खोलेगी।