शिमला, 28 नवंबर : यदि आप पशु-पक्षी प्रेमी (Animal Lover) हैं, इन्हे गोद लेना चाहते है, तो हिमाचल वन विभाग (Forest Department Himachal Pradesh) आपकी इच्छा पूरी कर सकता है। हिमाचल के चिड़ियाघर में मौजूद पशु-पक्षियों को गोद लिया जा सकता है। पशु- पक्षियों को गोद लेने का अर्थ ये नहीं है कि आपको कोई जानवर घर ले जाने की अनुमति (Permission) होगी, लेकिन आप उनके खान-पान का खर्च उठा सकते हैं। जिसके बदले वन विभाग उस जगह पर आपके नाम की पट्टिका (Name Plate) लगाने के साथ अन्य सुविधाएं भी आपको देगा।
वन विभाग की इस योजना के तहत चिड़ियाघर के पशु पक्षियों को गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। गोद लिए गए पशु-पक्षी का सालाना खर्च विभाग के पास जमा करवाना होगा। हिमाचल प्रदेश में रेणुका, गोपालपुर, रिवालसर, कुफरी समेत पांच बड़े चिड़ियाघर हैं। इसके अलावा आठ रेस्क्यू सेंटर (Rescue Center) हैं, जहां के जानवर गोद लिए जा सकते हैं।
प्रधान मुख्य संरक्षक (PCCF) वन्यजीव राजीव कुमार ने बताया कि योजना को अक्टूबर माह में शुरू किया गया था। इसके तहत अभी तक 3 पक्षी और एक तेंदुआ गोद में लिया गया है। इसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar, Governor of Himachal)ने हिमाचल के राजकीय पक्षी जाजुराना को गोद लिया है। इस योजना के तहत चिड़ियाघर में मौजूद तेंदुआ, शेर, भूरा भालू, काला भालू, हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना समेत अन्य पशु पक्षियों को गोद लिया जा सकता है। हर पशु या पक्षी को गोद लेने के लिए एक निश्चित राशि रखी गई है।
ये रकम सालाना 5 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक है। इस योजना में आप पूरा चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर भी गोद ले सकते हैं।