नाहन (एमबीएम न्यूज): कालाअंब मार्ग पर आम्बवाला-पौड़ीवाला मार्ग के निर्माण में वन विभाग ने पेंच अड़ा दिया है। हालांकि 20 साल से सडक़ बनी हुई है, लेकिन इसकी हालत सुधारने के मकसद से त्रिलोकपुर मंदिर न्यास ने 5 लाख रुपए की राशि मंजूर की थी, ताकि गटका बिछ सके। लेकिन अब वन विभाग ने इस सडक़ के कुछ हिस्से पर अपनी मलकियत होने का दावा किया है। लिहाजा कुछ कार्य पूरा होने के बाद इसे रोक दिया गया है। सवाल इस बात पर उठाया जा रहा है कि सडक़ बने दशकों बीत चुके हैं। अब जब गटका बिछाने की बारी आई है तो वन विभाग क्यों अड़चन पैदा कर रहा है।
गौरतलब है कि वन विभाग ने बकायदा दो वन रक्षकों को यहां तैनात कर दिया है, ताकि काम न हो। हर साल शिवरात्रि के अवसर पर हजारों की तादाद में श्रद्धालु पवित्र शिवधाम पहुंचते हैं। इस स्थान की धार्मिक अहमियत कम नहीं है। धारणा है कि हर साल यहां मौजूद शिवलिंग की ऊंचाई चावल के बराबर बढ़ जाती है। इस पवित्र स्थान को विकसित करने के लिए साधु-संतों के अलावा आम्बवाला-सैनवाला पंचायत बड़ी भूमिकाएं निभा रहे हैं। इस स्थान पर न केवल प्राचीन शिव मंदिर है, बल्कि सिरमौर रियासत के शासकों के स्मारक भी हैं। भविष्य में भी धार्मिक पर्यटन के लिहाज से यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है।
उधर इस मामले में पूछे जाने पर वन परिक्षेत्र अधिकारी अतुल चौधरी ने कहा कि आम्बवाला से पौड़ीवाला की तरफ जाने वाले मार्ग पर कुछ हिस्सा वन विभाग की मलकियत में आता है। इसी कारण काम रुकवाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर पीडब्ल्यूडी की एनओसी दी जाती है तो उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही इस स्थान का दौरा करेंगे।