मंडी (वी. कुमार): द्रंग घाटी के इलाका उतरशाल के जंगलों में टीडी की आड़ में हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल रही है। क्षेत्र के चार जंगलों में 300 से ज्यादा हरे-भरे देवदार के पेड़ कट चुके हैं, जिनकी लकड़ी की तस्करी हो चुकी है। ऊंचे दामों पर बेची जा रही इमारती लकड़ी से वन काटुओं के साथ-साथ वन विभाग के कर्मी भी मालामाल हो रहे हैं। अवैध कटान को लेकर क्षेत्र के लोग वन अरण्यपाल मंडी के कार्यालय पहुंचे और उन्हें सारी स्थिति से अवगत करवाकर उन्हें शिकायत पत्र भी सौंपा।
शिकायत पत्र के मुताबिक वन परिक्षेत्र कटौला के ब्लॉक सेगली के जंगल खोभा, बंबोला, रेहडू और ननहणी में 300 से ज्यादा हरे पेड़ टीडी के नाम पर काटे गए हैं। यह टीडी किसी जरुरतमंद को नहीं बल्कि वन विभाग के कर्मी को मिली। जिस पर्पज के लिए वन विभाग के कर्मी ने टीडी ली, वहां न तो घर बना और इससे पूर्व कई मर्तबा इसी जगह के नाम पर टीडी ले चुके हैं। बताया जाता है कि टीडी लेने वाले का घर कमांद पंचायत में आता है, जबकि टीडी ननहणी के नाम पर ली गई है। टीडी के नाम पर देवदार के पेड़ों पर सरेआम कुल्हाड़ी चल रही है तथा लकड़ी की तस्करी की जा रही है। जंगल में हरे पेड़ काटते व जंगल में तस्करी करते हुए स्थानीय लोगों ने इसका बकायदा वीडियो बनाया है तथा फोटोग्राफी भी की है।
अवैध कटान को लेकर स्थानीय लोग डीएफओ मंडी के पास एक माह पूर्व आए थे और उन्हें शिकायत पत्र दिया था। डीएफओ मंडी ने जो जांच करवाई उसमें शिकायतकर्ता को जांच में शामिल नहीं किया और मामले को गोलमोल कर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। स्थानीय लोग पुन: वन अरण्यपाल के पास पहुंचे हैं तथा डीएफओ द्वारा जांच ठीक से न करने पर वन अरण्यपाल ने चिंता जाहिर करते हुए इसकी जांच आर.ओ. कटौला को सौंपी है। इससे पूर्व भी उतरशाल के जंगलों में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ों का अवैध कटान हुआ था तथा इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की थी। उस समय वन माफिया इस कद्र हावी था कि वन विभाग के अधिकारियों को मौके तक नहीं पहुंचने दिया गया। शिकायतकत्र्ताओं के अनुसार उन्हें वन विभाग के उन कर्मियों द्वारा धमकियां आ रही हैं जो अवैध कटान में शामिल हैं।
”वन रेंज कटौला के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल खोभा, बंबोला, रेहडू व ननहणी जंगल में वन विभाग के कर्मी द्वारा टीडी की आड़ में अवैध कटान को लेकर उनसे मिला है। प्रतिनिधमंडल ने एक माह पहले इसकी शिकायत डीएफओ मंडी को की थी तथा उस शिकायत में जो जांच हुई उसमें शिकायतकर्ता को शामिल नहीं किया गया था। प्रतिनिधिमंडल की शिकायत पर आर.ओ. कटौला को तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। वह स्वयं भी मामले की जांच करेंगी तथा जो भी दोषी पाया गया उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।” – उपासना पटियाल, वन अरण्यपाल मंडी।