नाहन 19 जुलाई : गिरिपार हाटी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिए जाने को लेकर सरकार द्वारा की जा रही गतिविधियों के विरोध में अनुसूचित जाति के वर्गों के बाद अब अनुसूचित जनजाति गुर्जर समुदाय भी शामिल हो गया है। वीरवार को अनुसूचित जनजाति के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य जिला मुख्यालय नाहन में पहुंचे और डीसी सिरमौर की मार्फत अपनी आपत्तियों को लेकर एक ज्ञापन प्रधानमंत्री को भेजा।
किनसुख, अध्यक्ष युवा विंग गुर्जर समुदाय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा गिरी पार के हाटी क्षेत्र को जनजातीय दर्जा दने का वह विरोध जताते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्तियों को लेकर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा है।यदि हाटियों को जनजातीय का दर्जा मिलता है तो उनके हक प्रभावित होंगे। इसके अलावा उन्हें जो नौकरियों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है वह भी प्रभावित होगा। वर्तमान में हाटी क्षेत्र जनजातीय दर्जे के लिए मापदण्ड भी पूरे नहीं करता। जौनसार क्षेत्र के मुकाबले गिरिपार क्षेत्र ज्यादा सुविधा सम्पन्न क्षेत्र है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार हटियों को जनजातीय के अलावा अन्य किसी भी वर्ग में शामिल करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन यदि जनजातीय दर्जा मिलता है तो वह इसका विरोध जताते हैं। और यदि उनकी मांगों को ध्यान नहीं दिया गया तो वह बड़ा आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
बता दें कि जब से सरकार द्वारा हाटी क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने को लेकर कवायद शुरू की है। तब से अनुसूचित जनजाति से सम्बंधित संगठनों द्वारा विरोध जताया जा रहा है। अनुसूचित वर्ग के संगठनों की दलील है कि यदि यहां जनजातीय दर्जा मिलता है तो यहां अनुसूचित जाति के लोगों के लिए लागू नियम निष्प्रभावी हो जाएंगे, जबकि यहां पहले ही अनुसूचित जाति के लोगों पर अत्याचार के भारी मामले सामने आते हैं।