मंडी (वी कुमार) : मंडी जिला प्रशासन द्वारा शुरू किया गया मेरी लाडली अभियान आज देश भर के लिए मिसाल बनकर उभरा है। जिला प्रशासन के इस अभियान की देश भर में खूब प्रशंसा हो रही है। अब तक अभियान के तहत करीब 4 हजार परिवारों तक बेटियों के जन्म पर जिला प्रशासन की तरफ से ग्रीटिंग कार्ड और खिलौने भिजवाए जा चुके हैं।
देश में घटते लिंगानुपात के संतुलन को बनाये रखने के लिए भारत सरकार ने ’’बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’’ अभियान की शुरूआत की। शुरूआती दौर में इस अभियान को देश के 61 जिलों में शुरू किया गया, लेकिन मंडी जिला एक ऐसा जिला बनकर उभरा जहां पर इस अभियान को शुरू न करने के बावजूद भी जिला प्रशासन ने अपने स्तर पर इसे शुरू करने का निर्णय लिया। इस अभियान को नाम दिया गया “मेरी लाडली”। मेरी लाडली अभियान के संचालन के लिए प्रशासन को भारत सरकार से कोई फंड नहीं मिला, लेकिन जिला प्रशासन ने इस अभियान को अपने सीमित संसाधनों के दम पर शुरू कर दिया।
सोशल मीडिया पर इस अभियान को चलाया गया, जिसके साथ आज 21 हजार से भी अधिक लोग जुड़ चुके हैं। कभी जहां बेटों के जन्म पर बधाई गीत गाने की परंपरा थी, वहीं अब जिला भर में बेटियों के जन्म पर बधाई गीत गाने का दौर शुरू हो गया है। जिला प्रशासन ने महिला मंडलों के सहयोग से करीब 50 बधाई गीत तैयार किये हैं जिन्हें सिर्फ बेटियों के जन्म पर गाया जाता है। बीती 19 अप्रैल को डीसी मंडी संदीप कदम मेरी लाडली अभियान के तहत किए गए और किए जा रहे कार्यों की एक प्रेजेंटेशन दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के समक्ष दे चुके हैं।
मेनका गांधी ने मंडी जिला प्रशासन के इस अभियान को काफी सराहा और इसे बाकी जिलों से भी अपनाने का आहवान किया। डीसी मंडी संदीप कदम के अनुसार अभी तक जिला भर में करीब 4 हजार परिवारों तक जिला प्रशासन का मेरी लाडली अभियान पहुंच चुका है और सिलसिला लगातार जारी है।
मेरी लाडली अभियान के तहत जिस भी घर में बेटी का जन्म होता है वहां पर या तो डीसी मंडी संदीप कदम स्वयं जाकर बधाई देते हैं या फिर अपने अधिकारियों को बधाई संदेश के साथ उस घर पर भेजते हैं। इस कार्य के लिए महिला मंडलों का सहयोग भी लिया जा रहा है। अधिकारी या फिर महिला मंडल की कार्यकर्ताएं घर पर जाकर नवजात बच्ची के माता-पिता और अन्य परिजनों को बधाई संदेश वाला ग्रीटिंग कार्ड, गुडिया, खिलौने और एक पालना भेंट करते हैं। साथ ही महिलाएं बधाई गीत गाकर लोगों को बेटी के जन्म की बधाईयां देते हैं।
अधिकतर स्थानों पर परिवार के लोग भी अपने स्तर पर बेटी के जन्म पर अपनी सुविधा के अनुसार जलपान की व्यवस्था करते हैं, जबकि कुछ लोग तो प्रीतिभोज का आयोजन करके सभी के साथ बेटी के जन्म की खुशियां सांझा कर रहे हैं। लोग जिला प्रशासन के मेरी लाडली अभियान को बेहतर बताते हुए इसके लिए प्रशासन की भूरी-भूरी प्रशंसा भी कर रहे हैं।
इसके साथ ही जिला प्रशासन ने बेटियों को उच्च शिक्षा देने के उद्देश्य से शिक्ष उत्थान समिति का गठन भी किया है। अभी तक इस समिति के माध्यम से 35 बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा चुकी है। जिला प्रशासन बेटियों के लिए शुरू किए गए कार्यों का भविष्य में और विस्तार करने की दिशा में कार्य कर रहा है, ताकि बेटियों को बेटों के समान दर्जा मिल सके।