सोलन, 28 मई : 2 जून को देश के सभी केवीके के वैज्ञानिक सहित 1200 प्रतिभागी जुटेंगे। नौणी विवि में भारत के कृषि विज्ञान केन्द्रों का 12वां राष्ट्रीय द्विवार्षिक सम्मेलन 2022 जून 1-2 को डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी, सोलन में आयोजित किया जाएगा। माननीय केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मुख्य अतिथि के रूप में इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगें। हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेगें। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुश्री शोभा करांदलाजे भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के उप-महानिदेशक (कृषि विस्तार) डॉ. एके सिंह औरडॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने नौणी में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मेलन में पूरे देश से लगभग 1200 कृषि वैज्ञानिक है, जिसमें देश के हर जिले में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के अध्यक्ष, प्रसार शिक्षा निदेशक, अटारी के निदेशक, देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक एवं सभी उप महानिदेशक हिस्सा लेंगे।
नीति आयोग सहित देश के विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि भी इस दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य विषय प्राकृतिक खेती रखा गया है क्योंकि आने वाले समय में इस कृषि पद्धति की ओर किसानों का रुझान और बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त प्राकृतिक खेती की कम लागत से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से आमंत्रित किसान भी अपना प्राकृतिक खेती का अनुभव साझा करेगें।
प्रोफेसर चंदेल ने बताया कि सरकार ने इस कृषि को बढ़ावा देने के लिए कुछ वर्ष पूर्व प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना शुरू की थी। इस योजना की सफलता का आकलन आप इस बात से लगा सकते हैं कि कुछ ही समय में आज 1.70 लाख से अधिक किसान इस मुहिम का हिस्सा बन चुके है, और मृदा एवं पर्यावरण संरक्षण और मानव स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित खाद्य उत्पाद बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। विश्वविद्यालय भी इस कृषि पद्धति पर गहन अनुसंधान कार्य कर रहे ताकि किसानों की कम लागत में अच्छी उपज प्राप्त हो सके।
2 जून को इस सम्मेलन के समापन सत्र में भारत के माननीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, माननीय कृषि राज मंत्री कैलाश चौधरी सहित हिमाचल प्रदेश के माननीय राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल होंगे। भारतीय कृषि अनुसंधान वर्ष 1974 में पॉण्डिचेरी में देश का प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र खोला था। आज समस्त भारत में 731 केवीके कार्य कर रहे हैं। शुरुआती दौर में एक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने वाले केवीके आज तकनीकी के परीक्षण, प्रदर्शन, प्रशिक्षण, प्रसार के अलावा हर रोज अनेकों कार्यक्रमों को संचालित करने का सफल कार्य कर रहे हैं।
इस सम्मेलन का सीधा प्रसारण विभिन्न सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, यूट्यूब सहित रेडियो आदि पर किया जाएगा जिससे अधिक से अधिक संख्या में लोग इस कार्यक्रम से फायदा उठा सके। सम्मेलन में आये सभी प्रतिभागियों को सोलन के आसपास प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के खेतों का भ्रमण कराया जाएगा। इस सम्मेलन में आये सभी केवीके के प्रतिनिधि अपने-अपने जनपदों के किसानों के बीच प्राकृतिक खेती का प्रचार प्रसार करेगें। डॉ. ऐके सिंह सहित प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने इस सम्मेलन की सफलता की कामना की।