नाहन, 26 अप्रैल : एक वक्त था, जब नाहन शहर नगीना हुआ करता था। स्वच्छता को लेकर बड़े-बड़े कसीदे पढ़े जा रहे हैं। मगर आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि शहर के कई हिस्सों में घरों में काम करने वाली स्वीपर ही कूड़े के ढे़र लगा रही हैं। इसमें महिला सफाई कर्मियों की संख्या अधिक है।
ये भी पता चला है कि घरों में काम करने वाली अधिकतर नगर परिषद की ही सफाई कर्मी हैं। मंगलवार को शिकायत मिलने पर नगर परिषद के सेनिटरी इंस्पेक्टर सुलेमान ने कांग्रेस भवन के समीप दबिश दी। इस दौरान मौके पर कूड़े के ढेर से सुराग तलाशे गए। इसमें साफ तौर पर उन घरों का पता चल गया, जहां से लाकर इन्हें फैंका गया था।
सफाई कर्मियों द्वारा फैंके गए कूडे़ की अलग पहचान इस कारण भी हो रही थी, क्योंकि इन्हें काले रंग के पॉलिथिन बैग्स में फैंका गया था। राज्य में पॉलिथिन पहले से ही बैन है। नगर परिषद की टीम उन घरों तक भी पहुंची, जिन घरों से कूड़ा एकत्रित कर गलियों में फैंका जाता है।
इस दौरान टीम को पता चला कि अलग-अलग कारणों से घरों में निजी सफाई कर्मी रखे गए हैं। वो इस कूड़े को कहां फैंकते है, इसका उन्हें अंदाजा नहीं होता। इस समूचे घटनाक्रम में बड़ी बात यही है कि नगर परिषद उन सफाई कर्मियों पर ही नुकेल नहीं कस पा रही, जो इस तरह के कार्यों को अंजाम दे रहेे हैं।
अहम बात ये भी है कि समय के साथ बदलाव भी हो रहा है। धीरे-धीरे कूड़ा फैंकने को लेकर जागरूकता आ रही है। लोग नगर परिषद के कूड़ा एकत्रित करने वाले कर्मचारियों की इंतजार करते हैं, ताकि इन्हें रेहड़ी में फैंका जा सके।
नगर परिषद को घरों में निजी तौर पर काम करने वाले सफाई कर्मचारियों को भी सूचीबद्ध करना चाहिए, ताकि उन्हें भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा सकें।
उधर, नगर परिषद के सफाई इंस्पेक्टर सुलेमान ने बताया कि इस बात की सूचना मिली कि सफाई कर्मी ही कूड़े को फैंक रहे हैैं। वो सुबह 9 बजे के आसपास मौके पर पहुंच गए। कूड़े के ढ़ेर से उन घरों का पता लगाया गया, जहां से इसे फैंका गया था। चेतावनी जारी की गई है। साथ ही घरों में काम करने वाले सफाई कर्मियों से भी जवाबतलबी की जाएगी।