नाहन, 25 अप्रैल : शहर में बंदर के बच्चे को बचाने की कोशिश विफल हुई है। जानवरों से अटूट प्रेम रखने वाले योनार्क सैनी ने बंदर के बच्चे को रेस्क्यू किया। वो बिजली का करंट लगने से चोटिल हो गया था।
उपचार उपलब्ध करवाया गया। खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोनिषा अग्रवाल ने चोटिल बंदर को अपनी ही देखरेख में रखा। साथ ही संबंधित विभाग को भी सूचित कर दिया। लेकिन अफसोस इस बात का रहा कि काफी कोशिशों के बाद भी बंदर के बच्चे को नहीं बचाया जा सका।
बेशक ही शहर में बंदर उत्पाती हैं, लेकिन घायल अवस्था में बंदरों खासकर बच्चों को बचाने में शहरवासी अपना योगदान देते हैं। कालीस्थान तालाब के नजदीक बिजली के ट्रांसफामर्स पर बंदरों को करंट लगने की घटनाएं सामान्य हैं। अक्सर ही बंदर करंट लगने के बाद गिरकर दम तोड़ देते हैं।
खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोनिषा अग्रवाल का लावारिस कुत्तों के प्रति लगाव भी जगजाहिर है। उन्होंने बताया कि बंदर के बच्चे के शव को उचित तरीके से दफना दिया गया है।