जोगिंद्रनगर, 13 अप्रैल : पुलिस से प्रशासन तक का दरवाजा खटखटाया, सिर्फ जूते ही घिसे बाकी कुछ नहीं। दो बार मुख्यमंत्री के दरबार में मृतक ज्योति के मां-बाप पहुंचे तो वहां से मायूसी ही मिली, लेकिन जब तक सांस है बेटी के लिए लड़ाई लड़ती रहूंगी। सिसकती आवाज के साथ ज्योति के माता सावित्री देवी व पिता बृजभूषण ने आंखों में आंसू के साथ दुखी मां सावित्री ने ये भी कहा कि नौ महीने बीत जाने के बाद भी उनकी बेटी के साथ क्या हुआ, उन्हें कुछ भी पता नहीं।
पुलिस के छानबीन के बाद सीआईडी को केस मिला लेकिन उन्हें तो अभी तक कुछ जानकारी नहीं मिली। ज्योति का शव एक महीने के बाद क्षत-विक्षत मिला, शहर में प्रदर्शन हुए अपनी राजनीति चमकाने नेता गणों ने उन्हें हर विश्वास दिलाया कि पूरा मामला उनके सामने होगा, लेकिन न जाने कौन सा सांप सूंघ गया जो आज तक उन्हें एक भी जानकारी नहीं मिली। स्थानीय विधायक प्रकाश राणा सहित प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम के बाणी से तो पूरा विश्वास ही उठ गया है।
वहीं प्रश्न भी किया कि अगर उनकी बेटी के साथ ऐसा हो तो क्या वे भी नौ महीने तक कार्रवाई का इंतजार करेंगे। आंसू भी आंखों से सावित्री देवी ने कहा उस समय तो बहुत से नेताओं ने उनके कंधों पर जुलूस निकाले, कैंडल मार्च किए, लेकिन सिर्फ अपना नाम कमाने के लिए आज उनके जूते तक घिस गए हैं।
जानकारी लेने के लिये लेकिन मात्र एक कागज थमाया, जिसमें सिर्फ उनकी शिकायत को ऊपरी स्तर पर भेजने की जानकारी है।