शिमला,11 मार्च : हिमाचल प्रदेश पुलिस जवानों के आठ साल नियमित होने का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में उठा। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश पुलिस में अनुबंध प्रथा को तत्काल खत्म करने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को विधानसभा में पुलिस और संबद्ध संगठनों को लेकर विपक्ष द्वारा लाए गए कटौती प्रस्तावों पर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि एक ओर सरकार सचिवालय कर्मचारियों को दो साल बाद नियमित होने पर सभी वित्तीय लाभ दे रही है, मगर यह लाभ पुलिस जवानों को आठ साल बाद दिए जा रहे हैं।
अग्निहोत्री ने कहा कि पुलिस जवानों के साथ हो रहे भेदभाव का नतीजा है कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार पुलिस जवानों ने मुख्यमंत्री के आवास तक का घेराव कर दिया। उन्होंने सरकार को पुलिस जवानों को धमकियां देने के बजाय उनकी मांगें मानने का सुझाव दिया।
उन्होंने डीएसपी स्तर के अधिकारियों की पदोन्नति में हो रही वर्षों की देरी पर भी आपत्ति जताई और होमगार्ड जवानों के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की। मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश सरकार पर क्षेत्रवादी होने का आरोप भी लगाया और कहा कि ऊना के सारे लड़कों को सरकार ने बटालियन में तैनात कर दिया।
कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी ने प्रदेश सरकार पर पुलिस का राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और कहा कि विरोध करने वालों पर पुलिस के माध्यम से मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
जगत सिंह नेगी ने आईपीएस अधिकारी अरविंद नेगी को एनआईए द्वारा उग्रवादियों से कथित सांठगांठ के आरोपों में गिरफ्तार करने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये आरोप एनआईए के हैं और इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए, ताकि अरविंद नेगी को न्याय मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि पुलवामा जैसे हमले में शामिल जम्मू-कश्मीर पुलिस का डीएसपी देविंदर तो जमानत पर है, लेकिन अरविंद नेगी जैसे होनहार अधिकारी को सिर्फ गिरफ्तार उग्रवादियों के बयान पर बेवजह गिरफ्तार किया गया है।