शिमला, 05 मार्च : हिमाचल प्रदेश के वर्ष 2022-23 के आम बजट पर विधानसभा में शनिवार से चर्चा शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बजट चर्चा के दौरान प्रदेश सरकार पर जोरदार हमले कर कई मोर्चों पर सरकार की घेराबंदी की। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को भी निशाने पर लिया और कहा कि उन्हें घोषणा वाले मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने जयराम ठाकुर पर नवाबों की तरह राज करने का आरोप लगाया और कहा कि हिमाचल पर 31 मार्च 2022 से पहले 70 हजार करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा।
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में केवल दो विधानसभा क्षेत्रों सराज और धर्मपुर में ही पांच सालों में काम हुए, जबकि बाकी क्षेत्रों में सिर्फ घोषणाएं की गई। उन्होंने कहा कि सरकार के आखिरी साल में भी बजट में सराज के लिए 121 और धर्मपुर के लिए 147 करोड़ रुपए की पेयजल योजनाओं की घोषणाएं कर दी गई, जबकि बाकी विधानसभा क्षेत्रों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया।
मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट को चुनावी बजट करार दिया और कहा कि इसमें किसी भी तरह सत्ता में बने रहने का प्रयास किया गया है, लेकिन सरकार की विदाई का वक्त आ गया है और विदाई की शहनाई बज चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर प्रदेश को आकंठ कर्ज में डुबो देने का आरोप लगाया और कहा कि यह बजट दिवालियापन और वित्तीय कुप्रबंधन का दस्तावेज है।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर प्रदेश में इकनॉमिक डिजास्टर का आरोप भी लगाया और कहा कि पिछले साल प्रदेश की वृद्धि दर माइनस 6.2 फीसदी थी जो इस बार मुख्यमंत्री ने बजट में 8.3 फीसदी दर्शा दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि आखिरकार उन्होंने ऐसा कौन सा चमत्कार कर दिया जो प्रदेश की विकास दर इतनी अधिक हो गई।
नेता प्रतिपक्ष ने इसे आंकड़ों का मायाजाल करार दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बजट सत्र खत्म होते ही 6276 करोड़ रुपए का ऋण लेने वाले हैं, जिससे प्रदेश में कर्ज का बोझ बढ़कर 70 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कर्जों को लेकर झूठ बोल रहे हैं और इसके लिए प्रदेश की जनता कभी उन्हें माफ नहीं करेगी।