नाहन (एमबीएम न्यूज): हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एचएएस (मुख्य) परीक्षा पद्धति में बदलाव कर साहसिक कदम उठाया है। देश के अन्य राज्यों में भी आयोग के अंतिम फैसले की इंतजार हो रही है, ताकि वहां भी इस पद्धति को क्रियान्वित किया जा सके। दरअसल 2017 से प्रदेश में एचएएस की परीक्षा आईएएस के पैटर्न पर होगी। इससे उन उम्मीदवारों को फायदा पहुंचेगा, जो अलग-अलग परीक्षा पद्धति के कारण आईएएस बनने का सपना तक नहीं देख पाते। नई व्यवस्था लागू करने के पीछे तर्क यह भी है कि विभिन्न संकायों के छात्रों को योग्यता के प्रदर्शन का समान अवसर मिल सके।
आयोग के अध्यक्ष केएस तोमर वीरवार को सर्किट हाऊस में पत्रकारों से मुखातिब हुए। इस दौरान तोमर ने माना कि पद्धति में बदलाव से हिमाचली युवाओं को आईएएस की परीक्षा में भी फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचली उम्मीदवार केवल एचएएस परीक्षा पर ही ध्यान केंद्रित कर पाते हैं। चेयरमैन के मुताबिक पिछले दो-अढ़ाई सालों में आयोग ने कई सुधार लाने के प्रयास किए हैं। पत्रकारों से बातचीत में तोमर ने माना कि पद्धति को बदलना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्होंने बताया कि अप्रैल में आयोग की बैठक में बदली पद्धति के मुताबिक माइक्रो स्तर के सिलेबस को भी मंजूरी दे दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचली सामान्य ज्ञान की एक ही परीक्षा पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नए प्रारूप में मात्र एक ही वैकल्पिक विषय होगा, जिसके कुल अंक 300 निर्धारित होंगे। पुराने दो वैकल्पिक विषयों के स्थान पर दो सामान्य ज्ञान के प्रश्नपत्रों का प्रावधान किया गया है। उनका मानना था कि दो वैकल्पिक विषयों के प्रावधान से यह बात सामने आ रही थी कि एक-दो विषयों को ही चुना जा रहा था क्योंकि इसमें अधिक स्कोरिंग होती थी। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक विषयों की प्रणाली में बदलाव लाने को लेकर आयोग को प्रशंसा भी मिली है, क्योंकि इस तरह का कदम उठाना बेहद चुनौतीपूर्ण था। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती सिलेबस की थी।
उन्होंने बताया कि अंग्रेजी व हिन्दी विषयों की परीक्षा क्वालीफाइंग ही रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं कि इस नई परीक्षा पद्धति को जल्द ही लागू कर दिया जाए, ताकि परीक्षा की तैयारी में जुटे छात्रों को समय रहते ही इसका पता चल जाए। चेयरमैन ने बताया कि एचएएस की परीक्षा की तैयारी के लिए दो करोड़ 80 लाख रुपए की डिजीटल लाईबे्ररी का प्रस्ताव भी है। एनजीटी से इसकी क्लीयरेंस मिलने पर निर्माण शुरू हो जाएगा।
तोमर ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को लागू करने से पहले एक टोल फ्री नंबर (1800-180-8004) जारी किया गया, जहां से आवेदकों को ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने को लेकर मदद मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को शुल्क जमा करवाने के लिए पीएनबी से आयोग ने एमओयू साइन किया है। इसके गेटवे से फीस जमा हो सकती है। उन्होंने कहा कि जल्द ही अन्य बैंकों से एमओयू साइन करने की प्रक्रिया जारी है।