नाहन, 03 मार्च : यूक्रेन में युद्ध के मैदान से बीती रात शहर की बेटी रितिका सैनी सुरक्षित लौट आई है। माता-पिता ने भी राहत की सांस ली है। एक खास खुलासे में रीतिका ने बताया कि यूक्रेन में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई कर रहे छात्रों को युद्ध शुरू होने का इल्म था, लेकिन वो यूक्रेन छोड़कर आने की स्थिति में नहीं थे, क्योंकि अगर एक क्लास को ड्राॅप (Drop) किया जाता तो 1500 रुपए का जुर्माना लगता। एक दिन में चार पीरियड (Period) का जुर्माना 6 हजार होता।
बता दें कि सोशल मीडिया सहित हरेक वर्ग में यही सवाल पूछा जा रहा था कि जब जंग शुरू होने की आशंका पहली ही जारी की गई थी। साथ ही भारत की सरकार भी नागरिकों (Citizens) को वापस लौटने की सलाह दे रही थी तो छात्र समय रहते क्यों नहीं लौटे।
पश्चिमी यूक्रेन (Western Ukraine) में एमबीबीएस के तृतीय वर्ष की छात्रा रितिका सैनी को निश्चित तौर पर अपने भविष्य की भी चिंता सता रही है। रितिका ने बताया कि 24 फरवरी तक ऑफ़लाइन कक्षाएं (Offline Classes) चल रही थी। लिहाजा, क्लास को बंक करने की स्थिति में नहीं थे। 28 फरवरी के बाद ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हुई। अब ऑनलाइन कक्षाएं भी बंद कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि वापसी में कोई भी खर्चा नहीं हुआ।
भारतीय सरकार ने ही वापस लाने का मुकम्मल (Complete) खर्चा उठाया है। उन्होंने बताया कि संस्थान के परिसर के नजदीक भी धमाकों की आवाज से वो काफी सहमे हुए थे। रीतिका ने बताया कि वापसी का सफर भी बेहद ही डरावना था। पहले रोमानिया बार्डर (Romania Border) तक पहुंचने के लिए करीब 500 किलोमीटर का सफर बस में तय करना पड़ा। इसके बाद गंतव्य तक पहुंचने के लिए 10 किलोमीटर पैदल भी चलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि गनीमत इस बात की रही कि 24 फरवरी को यूक्रन में एमरजेंसी (Emergency) लगते ही खाने-पीने के सामान की व्यवस्था कर ली थी। कुछ समय बाद ही तमाम स्टोर्स व दुकानों से सामान भी खत्म हो गया था। लोगों में खाद्य सामग्री (Food Items) को स्टोर करने की जबरदस्त होड़ लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि वो मंगलवार को पहुंच गई थी। लेकिन अगली फ्लाइट से आने वाली फ्रैंड का इंतजार दिल्ली में ही किया, ताकि वो दिल्ली से एक साथ ही नाहन आ सकें।
गौरतलब है कि रितिका के साथ उसकी सहपाठी (Classmate) शामली भी सुरक्षित नाहन लौट आई है। रितिका के पिता निर्मल व मां निशा सैनी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में केंद्र सरकार का आभार जताया है। साथ ही कहा कि जब से यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ है, तब से बेटी की चिंता में दिन-रात जागते रहे।