शिमला, 26 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर अपने रंग बदल लिए हैं। शिमला सहित पर्वतीय जिलों में बर्फबारी हुई है, तो मैदानी भागों में अंधड़ के साथ बारिश हुई है। इस कारण पूरे प्रदेश को शीतलहर ने जकड़ लिया है। ताजा बर्फबारी से शिमला शहर सफेद चादर से ढक गया है। यहां के ऐतिहासिक रिज मैदान और माल रोड पर सैलानियों ने बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया।
बर्फबारी से कुछ समय तक शहर में यातायात भी बाधित रहा। पर्यटन स्थलों कुफरी, नारकंडा और डलहौजी में भी बर्फबारी हुई। शिमला जिले के ऊपरी इलाके बर्फ से लकदक हैं। मौसम के तेवरों से शिमला सहित चार जिलों का पारा माइनस में पहुंच गया है। इस सर्दी से अभी राहत मिलने के आसार नहीं हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने आगामी दो मार्च तक मौसम के खराब रहने का अनुमान जताया है।
कांगड़ा जिला के बड़ा भंगाल में दो फीट, कुल्लू जिला के अटल टनल में दो इंच, जलोड़ी जोत में पांच इंच, मनाली में एक इंच, लाहौल-स्पीति जिला के सिसु, काजा, तिन्दी व उदयपुर में दो इंच, मंडी जिला के पराशर लेक और शिकारी माता में छह-छह इंच, कमरुनाग में तीन इंच, शिमला के चांशल, खड़ापत्थर व खिड़की में तीन-तीन इंच, कुफरी व नारकंडा में दो-दो इंच बर्फबारी दर्ज की गई है। शिमला में न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री, सुंदरनगर में 6.2 डिग्री, भुंतर में 4.7, कल्पा में -3, धर्मशाला में 7.4, ऊना में 10.4, नाहन में 9.3, केलंग में -6.3, पालमपुर में 6, सोलन में 3.7, मनाली में 0.4, कांगड़ा में 8.8, मंडी में 8.6, बिलासपुर में 9, हमीरपुर में 9.2, चम्बा में 7.2, डलहौजी व कुफरी में -0.4 डिग्री और जुब्बड़हट्टी में 6.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश में शनिवार सुबह तक बर्फबारी से तीन एनएच और 258 सड़कें बंद हो गई हैं। लाहौल-स्पीति जिला में 143, चम्बा जिला में 64, कुल्लू में 24 और मंडी जिला में 17 सड़कें अवरुद्ध हैं। इसके अलावा 46 बिजली ट्रांसफार्मर और 11 पेयजल स्कीमें भी ठप पड़ गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बारिश-बर्फबारी हो रही है। उन्होंने कहा कि 27 व 28 फरवरी को मैदानी भागों में मौसम साफ रहेगा, जबकि अन्य हिस्सों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। पहली और दो मार्च को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। इस दौरान मैदानों में बारिश और पर्वतीय व उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है।