नाहन, 22 फरवरी : मंगलवार को दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर के बैनर तले कच्चा टैंक बस स्टैंड से उपायुक्त कार्यालय तक रैली आयोजित हुई। इस दौरान मंच के समर्थकों ने मांगों के समर्थन में नारे भी लगाए। प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 14 सूत्रीय मांगपत्र भेजा गया है। इसमें तर्क दिया गया है कि देश भर में पंजाब के बाद हिमाचल दूसरा राज्य है, जहां अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति की आबादी सबसे अधिक है। ये प्रतिशतता 33.19 है। साथ ही ये भी दावा किया गया कि राज्य के 68 विधानसभा क्षेत्रों में 20 विधायक इस आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
ज्ञापन में कहा गया कि विधानसभा के सत्र में दलित समस्याओं के मुद्दों पर चर्चा या तो होती नहीं है या नगण्य रहती है। जनसंख्या के अनुरूप उप योजना के लिए बजट आबंटित नहीं हो रहा।
दलितों की हत्या, सामाजिक भेदभाव व महिला उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। मांगपत्र में सरकारी व अर्द्धसरकारी नौकरियों में आरक्षण रोस्टर लागू करने की मांग की गई है। साथ ही सरकारी कार्यालयों में बाबा साहिब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के साथ संविधान की प्रस्तावना लगाने की मांग हुई है।
85वें संविधान संशोधन को लागू किया जाए, जनसंख्या के आधार पर बजट आबंटित करने, एससी व एसटी स्कॉलरशिप को बहाल करने, राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग, अंतरजातीय विवाह में 2 लाख की प्रोत्साहन राशि व शामलात भूमि पर दलित वर्ग को भी अधिकार प्रदान करने की मांगें शामिल हैं। संयोजक आशीष कुमार व जिला कमेटी सदस्य सतपाल मान ने कहा कि सरकार को तमाम मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका कहना था कि मंच मजदूरों का न्यूनतम वेतन 24 हजार करने की भी मांग करता है।