शिमला, 06 फरवरी : हिमाचल में करोड़ों रुपए की उगाही करने वाला फर्जी आईडी रविवार शाम सीआईडी के एसआईटी के समक्ष पेश हुआ,जहां उससे करीब 3 घंटे तक पूछताछ चली। एसआईटी के अधिकारियों ने आरोपी से बैंक खातों की डिटेल के अलावा संपत्तियों के बारे मेें पूछताछ की है। जानकारी अनुसार एसआईटी ने फिर एक बार आरोपी को पूछताछ के लिए बुलाया है। एसआईटी की माने तो विनय अग्रवाल जमानत के लिए हाईकोर्ट के चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक जमानत नहीं मिली है।
एसआईटी पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में गठित की गई। इसके साथ ही एसपी आर्थिक अपराध गौरव सिंह, एसपी सीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित दो इंस्पेक्टर पांच सब इंस्पेक्टर और एक एएसआई को इसमें शामिल किया है।
गौर हो कि केंद्र सरकार में खुद को आइबी का आईजी बता कर आरोपी ने हिमाचल में 1.49 करोड़ रुपये की उगाही की है। जानकारी के मुताबिक हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला यह शातिर विनय अग्रवाल हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी के साथ उगाही करने के लिए जाता था।
प्रदेश के कालाअंब, बद्दी नालागढ़ व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर आइबी का फर्जी अफसर बनकर उद्योगपतियों को डरा धमका कर उनसे मोटी रकम की उगाही करता था। हिमाचल पुलिस के सीआईडी विंग की जांच में यह खुलासा हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों में आईबी के अफसर नाम से सक्रिय इस विनय अग्रवाल के खिलाफ हिमाचल पुलिस के सीआईडी थाना भराड़ी में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार यह मामला कोई सफेदपोश अपराध नहीं है, बल्कि इस अपराध के पीछे एक ऐसा गिरोह है, जिसकी कई कडिय़ा हो सकती है।
सीआईडी की जांच की आंच कई रसूखदारों तक पहुंच चुकी है। सीआईडी के अनुसार हरियाणा में कई लोग आरोपियों के साथ संपर्क में रहते थे। आरोपियों के बैंक खातों की भी जांच होगी। हाल ही में सीआईडी की एसआईटी ने हिमाचल से बाहर आरोपित के ठिकानों पर दबिश दी।
पंचकूला के सेक्टर नौ में आरोपियों के घर की तलाशी में कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। इसके अलावा आरोपियों के आठ से 10 साथियों की भी तलाश है। इनमें से कुछ से पूछताछ की गई है। अवैध उगाही से करोड़ों की संपत्ति एकत्र की गई है। इसकी गहन जांच चल रही है। साथियों की भी तलाश की जा रही है। इन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
सूबे के डीजीपी संजय कुंडू ने इस मामले की विस्तृत जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।