सोलन, 07 फरवरी : बद्दी की मलपुर पंचायत के गांव मलकुमाजरा में एक युवक की बकरियों को चराते समय अचानक मौत हो गई। जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। गांव के लोग अपने पशुओं को बाहर चराने के लिए भी छोड़ने से घबरा रहे हैं। जानकारी के अनुसार छोटू राम अपनी करीब 45 बकरियों को रोज की तरह चराने को के लिए चुनरी गांव तक ले गया था। अचानक उस की कुछ बकरियां नदी किनारे चरते हुए बेहोश होकर गिरने लगीं, जिसके बाद बकरियों को उठाकर व बाड़े में ले गया।
वहीं, बद्दी पशुपालन विभाग के डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया। डॉक्टर के पहुंचने से पहले ही एक के बाद एक बकरियां मरने लग गई। छोटू राम ने आरोप लगाया है कि चुनरी गांव में नदी किनारे लगे उद्योग द्वारा बारिश की आड़ में जहरीला पानी छोड़ा हुआ था। जब बकरियां वहां चरने लगी और कुछ ने जैसे ही पानी पिया तो एक-एक करके बकरियां बेहोश होने लग गई। जब तक वह उन्हें वहां से उठा कर लाया, तब तक 4 से 5 बकरियों की मौत हो गईं।
पशुपालन विभाग की टीम ने आकर जब बकरियों का इलाज किया, तब तक उसकी 7 बकरियों की मौत हो गई थी। छोटूराम ने बताया कि अभी भी उसकी 3 बकरियों की हालत नाजुक है, जो चलने फिरने में भी असमर्थ हैं। छोटूराम ने प्रशासन और सरकार से गुहार लगाई है कि उसका पशुपालन ही व्यवसाय है और उन्हीं से वह अपने घर की रोज की जरूरतें पूरी करता है। छोटू राम ने प्रशासन से मांग की है कि जिस उद्योग के जहरीले पानी से उसकी बकरियां मरी है, उस उद्योग के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। ताकि भविष्य में गांव के किसी भी व्यक्ति के पशु जहरीला पानी या घास खाने से न मरे।
वहीं पशुपालन विभाग के डॉक्टर शंकर दास ने बताया कि उनके द्वारा बकरियों का पोस्टमार्टम किया गया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक जांच में यह लग रहा है कि बकरियों द्वारा कोई जहरीला घास खाया गया है, जिसके कारण बकरियों के पेट में गैस बनने के कारण उनकी मौत हो गई। अभी रिपोर्ट आना बाकी है सभी कारणों का पता चल पाएगा। वही पंचायत प्रधान सरोज देवी ने कहा कि प्रशासन से बात करके उचित मुआवजा दिलाया जाएगा।