शिमला, 6 फरवरी : मध्य एशिया व ट्रांस हिमालय के एक परिंदे को हिमाचल के पौंग जलाशय (Pong Lake) की आबोहवा खूब भाती है। 2011 में नन्हा पक्षी था, तब एच-74 (H-74) रिंग पहनाया गया था। 11 साल बाद भी यहीं अठखेलियां करने आ रहा है।
करीब-करीब 28 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए तिब्बत, कजाकिस्तान, रूस, मंगोलिया की सरहदों से उड़कर आता है। सर्दियां खत्म होते ही वापस मातृभूमि साइबेरिया (Siberia) पहुंच जाता है। बार हेडेड गूज (Bar Headed Goose) की प्रजाति के पक्षी को स्थानीय तौर पर सफेद हंस (white swan) कहा जाता है। इसके सिर व गर्दन पर काले निशान व रंग पीला ग्रे होता है। सफेद पंख होते हैं।
उल्लेखनीय है कि बार हेडेड गूज एक बार में 8 अंडे देता है। मिट्टी के टीले या पेड़ पर घौंसला होता है। 27 से 30 दिन में बच्चे अंडे से निकल कर उड़ान भरना शुरू कर देते हैं।
इस परिंदे से जुड़ी एक रोचक (Interesting) जानकारी सामने आई है। दरअसल, जब पक्षी की उम्र दो से तीन साल की रही होगी तो उसे 2011 में पौंग डैम के वन्य प्राणी विभाग ने टैग (Tag) किया था, यानि रिंग पहनाया गया था। इसकी प्रजाति बार हैडेड गूज। हालांकि वो पौंग डैम में 2016 व 2017 में भी साइट हुुआ, लेकिन इसके बाद परिंदे की साइटिंग (sighting) पौंग जलाशय में नहीं हुई थी।
पांच साल के बाद डीएफओ (DFO) रोहित रोहाणे की टीम में शामिल वनरक्षक (Forest Guard) अंकुश व दरखेश ने 31 जनवरी को पांच साल बाद इस बर्ड की साइटिंग की है। सबूत के तौर पर परिंदे की तस्वीरें भी कैप्चर (Capture) हुई हैं। आपको बता दें कि रिंग को पहनाने के बाद समय-समय पर बर्ड से जुड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है।
डाटा के आधार पर पक्षी से जुड़ी जानकारी हासिल होती है। इससे प्रवासी पक्षियों के मार्ग का अध्ययन भी किया जा सकता है। हालांकि, विभाग को उम्मीद है कि एच-74 साइबेरियन बर्ड (siberian bird) हर साल पौंग जलाशय में आ रहा होगा, लेकिन सबूत के तौर पर पांच साल बाद ही तस्वीर मिली है। अगर नियमित तौर पर नहीं आया होगा तो इस बात को भी माना जा सकता है कि बर्ड ने पांच साल बाद भारत में अपने ठिकाने को बदला है।
पुख्ता तौर पर तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन माना जा रहा है कि एच-74 का वजन 3 से 4 किलो के बीच हो सकता है। उल्लेखनीय है कि इस बार पौंग जलाशय में 1 लाख 10 हजार 309 परिंदे पहुंचे हैं। इसमें 50 से अधिक प्रतिशत साइबेरियन बर्ड हैं।
गौरतलब है कि हिमाचल के वन्यप्राणी विभाग ने दिसंबर 2021 में पक्षियों को रिंग पहनाने की कवायद भी बखूबी पूरी की थी। 29 प्रजातियों के 140 पक्षियों को खास तरह की रिंग पहनाई गई थी। इस पक्षी की खास बात ये है कि एक दिन में 16 हजार किलोमीटर तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है।
उधर, एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में वाइल्ड लाइफ (Wild Life) के डीएफओ राहुल रोहाणे ने कहा कि 2011 में बर्ड को रिंग पहनाया गया था। 2016 व 2017 में इसे पौंग जलाशय में साइट किया गया। अब पांच साल बाद इसकी साइटिंग ऑन रिकाॅर्ड हुई है। उन्होंने ये संभावना भी जताई कि 2011 के बाद से ये पक्षी लगातार आ रहा है, लेकिन साइटिंग नहीं हुई। बातचीत के दौरान डीएफओ ने माना कि ऑन रिकाॅर्ड साइटिंग (on record sighting) को ही एविडेंस (Evidence) माना जा सकता है।