ऊना, 4 फरवरी : अगर विकास इसी को कहते हैं, तो जरूरत है, इसे विकास की गाथा गाने वाले अपनी आंखों से देखें। कैसे, आज भी हर गांव तक सड़क सुविधा पहुंचाने का दावा खोखला साबित हो रहा है। हालत यह है कि मरीज को सड़क सुविधा न होने के चलते चारपाई पर लेटाकर एंबुलेंस तक ले जाने के लिए परिजन विवश हैं।
परेशानियों का सामना कर कंधो पर चारपाई को टांग कर मरीज को एंबुलेंस तक ले जाने की कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के गांव टीहरा की है, जहां पर इन दिनों कुटलैहड़ नहीं देखा, तो क्या देखा जैसे स्लोगनों के जमकर नारे लग रहे हैं। इस हाइटेक युग में एंबुलेंस के स्थान पर मरीज को चारपाई में लादकर अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि एंबुलेंस सड़क न होने के कारण डिलीवरी के बाद महिला को घर से दूर करीब डेढ़ किलोमीटर दूर छोड़ जाती है, जहां से दो लोग एक महिला को चारपाई पर लेटा कर घर तक पहुंचा रहेे हैं। साथ में महिला के परिजन भी हाथ में सामान लेकर चले हुए हैं। चढ़ाई चढ़ते और कच्चे रास्ते से जाते हुए लोग प्रदेश सरकार की व्यवस्था को कोसते हुए नजर आ रहे हैं।
#MinisterVirenderKanwar#CMOJairamThakur#Shikharkiaurhimachal हिमाचल के ग्रामीण,पंचायती राज,पशुपालन व कृषि मंत्री के घर में विकास की पोल खोलता सफर
बता दें कि टीहरा निवासी पंकज कुमार की पत्नी जसविंद्र कौर की डिलीवरी क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में हुई। डिलीवरी के बाद महिला को एंबुलेंस घर से करीब डेढ़ किमोमीटर छोड़ गई। रास्ता न होना के कारण परिजनों ने महिला को चारपाई पर लेटाकर घर तक पहुंचाया।
उधर, ग्राम पंचायत प्रधान सुनीता कुमारी का कहना है कि जहां रास्ते को लेकर समस्या है। उन्होंने कहा कि रास्ते के लिए प्रस्ताव डाला गया है। इन घरों को रास्ता मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछली पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत सड़क का कुछ कार्य करवाया गया था।