नाहन, 25 जनवरी : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण व पद्मश्री पुरस्कारों की घोषणा हुई है। खास बात ये है कि देश भर की 128 हस्तियों में तीन का ताल्लुक हिमाचल से है। तीन में से दो का संबंध सिरमौर से है।
सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल के देवटी मझगांव निवासी विद्यानंद सरेक को “पद्मश्री” (Padma Shri) से नवाजा गया है। बता दें कि सरैक को 2017 में लोक संस्कृति संरक्षण के लिए भी राष्ट्रपति अवार्ड (President’s Award) भी मिल चुका है। लेखन के क्षेत्र में 82 वर्षीय विद्यानंद सरैक एक जानी पहचानी हस्ती है।
वो, हिमाचली लोक गायन, उपन्यास तथा “सीहटू नृत्य” के लिए विशेष पहचान रखते हैं। उन्होंने मात्र 8 वर्ष की आयु में ऑल इंडिया रेडियो दिल्ली (All India Radio Delhi) में पहला प्रोग्राम दिया था। इसके बाद समूचे देश में अपनी छाप छोड़ी। कुछ वर्षो से वह आसरा चूड़ेश्वर कला मंच के संरक्षक की भूमिका भी निभा रहे हैं। सरैक ने हिमाचली तथा सिरमौर की पारंपरिक व सांस्कृतिक विरासत को उपन्यासों में भी बखूबी उतारा है। विद्यानंद सरेक को साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में “पद्मश्री” से नवाजा गया है।
वही दूसरी तरफ पच्छाद उपमंडल के बडू साहिब के कलगीधर ट्रस्ट (The Kalgidhar Trust) व शिक्षण संस्थान के संस्थापक बाबा इकबाल सिंह जी को समाज सेवा (Social Work) के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया है। बाबा इकबाल सिंह जी संत तेजा सिंह जी के संपर्क में 1950 में आए थे, जब वह खालसा कॉलेज अमृतसर (Khalsa College Amritsar) से शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उसके बाद 1956 में पहली बार बडू साहिब पहुंचे। 1959 में जमीन खरीद ली।
ट्रस्ट के मुताबिक संत तेजा सिंह महाराज के आदेशानुसार शिक्षण संस्थान खोलने के प्रयास बडू साहिब में शुरू किये गए। बाबा इकबाल सिंह ने 1987 तक हिमाचल प्रदेश कृषि एवं बागवानी सेवाएं प्रदान की वो निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। 1986 में उन्होंने बडू साहिब में 5 बच्चों से अकाल स्कूल (Akal School)की शुरुआत की थी। इस समय बडू साहिब विश्व भर में शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन चुका है। इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल (International Business School), एटरनल यूनिवर्सिटी, अकाल स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज (Engineering College) सहित कई बड़े शिक्षण संस्थान हैं।
97 वर्षीय बाबा इकबाल सिंह जी को कुछ वर्ष पूर्व शिरोमणि पंथ रतन पटना साहिब द्वारा दिया गया था। गत वर्ष अकाल तख्त अमृतसर द्वारा उन्हें विद्या मार्तंड पुरस्कार देने की घोषणा भी हुई है। इसके अलावा भी उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर (international level) पर भी कई पुरस्कार हासिल किये है। कलगीधर ट्रस्ट का नेटवर्क कई देशों में फैला है।