सोलन, 25 जनवरी : 51वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस कर्मियों, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों को वेतन मान से जुड़े दो विकल्प दिए गए थे। उन्होंने ऐलान किया कि सरकार अब तीसरा विकल्प भी देगी, ताकि कर्मचारियों का कोई भी वर्ग ऐसा न रहे, जिसे नए वेतनमान का लाभ न मिले। सीएम ने कहा कि तीसरे विकल्प के बावजूद भी अगर लाभ नहीं मिलता है तो सरकार इस पर भी पुनर्विचार करने को सहमत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पेंशनर्स के लिए भी गंभीर है, क्योंकि वो अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा सरकार की सेवाओं में दे चुके होते हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि पेंशनर्स को भी पंजाब की तर्ज पर नए वेतनमान के लाभ दिए जाएंगे। इससे सूबे के 1 लाख 75 हजार पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। इस पर राज्य सरकार हर साल 2 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने ये भी ऐलान किया कि अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर ही डीए दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 28 प्रतिशत डीए का ऐलान किया था, जो अब 31 प्रतिशत किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों में एक साल का अंतर रहता था, जिसे अब समाप्त किया जा रहा है। सीएम ने कहा कि इससे सरकार के खजाने पर 500 करोड़ का बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि गर्मी व सर्दी के मौसम में जवान सेवा दे रहा होता है। सीएम ने कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि हिमाचल पुलिस ने अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बनाई है।
उन्होंने कहा कि कोविड संकट में भी पुलिस कर्मियों ने अहम सेवाएं दी। सीएम ने कहा कि 2015 से पहले पुलिस कर्मियों को पुराना वेतनमान मिलता था, लेकिन बाद की सरकार ने कांस्टेबल के उच्च वेतन मान की अवधि को बढ़ाकर 8 साल कर दिया। इससे उनमें असंतोष का भाव है, क्योंकि वेतनमान में विसंगतियां हैं।
सीएम ने कहा कि 2015 के बाद नियुक्त कर्मियों को अन्य श्रेणियों की तर्ज पर समान कार्यकाल उपरांत उच्च वेतनमान के लिए पात्र माना जाएगा। जो कांस्टेबल उच्च वेतनमान के पात्र हो गए हैं, उन्हें रिवाइज्ड पे स्केल दिया जाएगा। इसके लिए तुरंत निर्देश जारी किए जाएंगे।
हालांकि मुख्यमंत्री ने सीधे तौर पर सेवा अवधि को घटाने की बात नहीं कही, लेकिन ये जरूर कहा कि 2015 में नियुक्त कांस्टेबल को 2020 में पूरे वेतन का पात्र माना जाएगा। लिहाजा, इससे ये माना जा सकता है कि 8 साल की अवधि को घटाकर 5 साल किया गया है।