शिमला, 23 जनवरी : हिमाचल में अब शराब के असली नकली पहचान करने की चाबी उपभोक्ताओं के हाथ में भी होगी। उपभोक्ता खरीदने से पहले इस बात की जाँच कर सकेगा कि वह असली है या नकली। शराब की प्रमाणिकता की जांच करने तथा वैध और अवैध शराब के बीच अंतर करने के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जाएगा। अंतिम उपभोक्ता को बस मोबाइल ऐप डाउनलोड करना होगा और राज्य में बेची जा रही शराब की प्रामाणिकता को सत्यापित करने के लिए बोतल पर चिपकाए गए होलोग्राम पर उपलब्ध बारकोड को स्कैन करना होगा। होलोग्राम को स्कैन करते ही पता चल जाएगा कि शराब असली है या नक़ली। और इस प्रकार अवैध शराब के धंधे पर लगाम लगाई जाएगी।
बता दे कि हिमाचल प्रदेश राज्य में अवैध शराब के धंधे और इससे उत्पन्न गंभीर समस्या को रोकने के लिए आबकारी व कराधान विभाग पिछले एक साल से अलग अलग स्तरों पर काम कर रहा है। सबसे महत्वपूर्ण पहल शराब की आपूर्ति श्रृंखला के एंड-टू-एंड ट्रैक और ट्रेस (End to End track & trace) के लिए एक ई-गवर्नेंस परियोजना (e-governance project) की शुरुआत है। ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली के सॉफ्टवेयर को लॉन्च करने के लिए पिछले एक साल के दौरान काफी काम किया जा चुका है। यह उल्लेख करना उचित है कि ट्रैक एंड ट्रेस समाधान की शुरुआत से न केवल राज्य कर और आबकारी विभाग बल्कि अंतिम उपभोक्ता भी लाभान्वित होंगे। शराब आपूर्ति श्रृंखला के सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन रखे जाएंगे और इसे कहीं से भी वास्तविक समय के आधार पर प्राप्त किया जा सकता है। यह परियोजना अंतिम चरण में है और बहुत जल्द इसे लागू कर दिया जाएगा।
इसके अलावा, राज्य आबकारी व कराधान विभाग के प्रवर्तन प्रकोष्ठ (enforcement wings) को भी मजबूत किया जाएगा क्योंकि शराब के परिवहन के संबंध में डेटा चलते-फिरते आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होगा और बारकोड की स्कैनिंग के माध्यम से शराब की प्रामाणिकता को आसानी से पहचाना जा सकता है।