शिमला, 23 जनवरी : हिमाचल में मिलावटी शराब का डिस्ट्रीब्यूटर सुंदरनगर का नरेंद्र उर्फ़ कालू निकला है। 40 साल का कालू शराब के अवैध कारोबार से वो करोड़पति बन गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक वो बेहद गरीब परिवार से संबंधित है। शुरू में परिवार का पेट पालने के लिए ऑटो चलाना शुरू किया था। लेकिन वो शॉर्टकट तरीके से अमीर बनने का सपना देख रहा था। इसके बाद उसने शराब की अवैध सप्लाई का काम शुरू कर दिया। उसके बाद बस स्टेयरिंग भी थाम लिया। अवैध शराब को बेचने के लिए कुछ शराब की काली कमाई से वह आठ-दस सालों में ही अकूत संपत्ति का मालिक बन बैठा।
कालू ने काली कमाई से बसें खरीदनी शुरू कर दी। इसी दौरान वह प्रवीण और गौरव के संपर्क में आया और फिर शुरू हुआ अवैध शराब को बनाने का सिलसिला। महज आठ-दस सालों में ही अकूत संपत्ति का मालिक बन गया। कांगड़ा के गौरव मिन्हास के सम्पर्क में आने के बाद तो कालू का साम्राज्य फैल गया।
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जांच में ये भी सामने आ रहा है कि पहले हाइवे पर सस्ती और मिलावटी शराब बेचता था। धीरे-धीरे नेटवर्क गांव-गांव तक फैला दिया। मोटी कमाई ने लालच को भी बढ़ा दिया। इसके बाद सुंदरनगर उपमंडल में कालू नकली शराब के कारोबार में बादशाह बन गया। यही नहीं, प्रदेश में मिलावटी शराब सप्लाई करने लगा।
जानकारी मिल रही है कि उसके पास पांच बसें, दो ट्रक और दो जेसीबी हैं। कई जगह मकान और बाहरी राज्यों में प्लॉट भी हैं। शराब के कारोबार से करोड़ों की चल-अचल संपत्ति बनाई है। एसआईटी ने प्रारंभिक जांच में उसकी संपत्ति आय से अधिक पाई गई है। पुलिस ने दो दिन पहले उसकी एक बस अपने कब्जे में ली थी। ये भी पता चला है क़ि कालू 12 साल से शराब का अवैध कारोबार कर रहा है। करीब एक दशक पहले जहां वो ऑटो चलाया करता था वही अब ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। उधर, पुलिस कालू की संपत्ति को लेकर जांच का जिम्मा प्रवर्तन निदेशालय को भी सौंप सकती है।