शिमला, 22 जनवरी : हिमाचल प्रदेश में छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद कर्मचारियों से कोई रिकवरी नहीं होगी। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों से रिकवरी न करने का फैसला लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) प्रबोध सक्सेना ने बताया कि कर्मचारियों से रिकवरी न करने को लेकर सरकार निर्णय ले चुकी है।
प्रदेश सरकार के इस कदम से कर्मचारियों को बेशक राहत मिली हो, मगर अभी भी वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद 2.25 व 2.59 के मैट्रिक्स को अपनाने को लेकर कर्मचारी दुविधा में हैं। साथ ही वेतन विसंगतियों का मसला लगातार उलझता जा रहा है। नए वेतनमानों के तहत वेतन निर्धारण को लेकर भी अभी डीडीओ को मशक्कत करनी है।
दरअसल छठे पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सरकार ने बीते दिसंबर माह में निर्णय लिया था। इसके मुताबिक कर्मचारियों को जनवरी 2016 से पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत संशोधित वेतन मान मिलने हैं। पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद खजाने पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को कम करने के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों को 2017 से अंतरिम राहत देने का फैसला लिया।
पहले वीरभद्र सरकार तथा इसके बाद जयराम सरकार ने अंतरिम राहत कर्मचारियों को दी। कर्मचारियों को 21 फीसद अंतरिम राहत मिल रही है। अंतरिम राहत मिलने के बाद कर्मचारियों के कई वर्गों के वेतन में मामूली इजाफा होने से उन्हें रिकवरी का खौफ सताने लगा था।