नाहन, 17 जनवरी : सरकार एक पद सृजित करती है। इसके लिए हजारों की भीड़ कतारबद्ध हो जाती है। सरकार भी किस-किस नौकरी देगी। सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे युवाओं को उन कामयाब उद्यमियों की सफलता की कहानी जरूर पढ़नी चाहिए, जो बहु राष्ट्रीय कंपनियों के शीर्ष पदों को छोड़कर अपने उद्योग स्थापित कर चुके हैं। हिमाचल में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, एक ऐसा प्लेटफार्म है, जो युवाओं को स्वावलंबी बनने में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते इस दिशा में सोचना शुरू किया जाए।
अहम बात है कि इस योजना के लाभार्थी वो भी बन सकते हैं, जो जीवन में सरकारी नौकरी के साथ-साथ निजी क्षेत्र में रोजगार हासिल नहीं कर पाए, क्योंकि इस योजना का लाभ 50 वर्ष तक के पुरुष व महिलाएं भी हासिल कर सकती हैं। ये भी तय है कि अगर मौजूदा समय का युवा रोजगार दाता बन जाए तो हिमाचल की आर्थिकी में भी बहुमूल्य योगदान होगा। लाजमी तौर पर आपके जहन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर इस योजना में ऐसा क्या है, जो हमारे सपनों को पंख लगा सकता है।
दरअसल, इस योजना के तहत 120 ऐसे उद्यम चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से किसी एक का चुनाव किया जा सकता है। एक करोड़ तक की ऋण सुविधा में 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी हासिल की जा सकती है। 60 लाख रुपए की निवेश सीमा तक महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत व पुरुषों के लिए 25 प्रतिशत की दर से कैपिटल सब्सिडी का प्रावधान है। तीन साल तक 5 प्रतिशत की दर से ब्याज उपदान भी मिलता है। बैंक गारंटी के लिए भी सुविधा है तो इस पर लगने वाले शुल्क को भी सरकार ही वहन करती है।
सरकार ने 10 लाख तक के छोटे कमर्शियल वाहन, ई-रिक्शा व मोबाइल फूड वैन इत्यादि को भी इस योजना में शामिल कर लिया है। योजना का प्रारूप ऑनलाइन रखा गया है। सब्सिडी सीधे ही लाभार्थी के खाते में हस्तांतरित होती है। उदाहरण के तौर पर अगर एक महिला अपना उद्यम स्थापित करने के लिए 20 लाख का ऋण लेती है तो इसमें सीधे ही 6 लाख की कैपिटल सब्सिडी होगी। तीन साल तक मात्र 5 प्रतिशत ब्याज ही चुकाना होगा। हाल ही में सरकार ने इस योजना के दायरे में चारा यूनिट, उन्नत डेयरी प्रोजैक्ट, कृषि उत्पाद व स्टोरेज यूनिट व सब्जी-नर्सरी इत्यादि को भी शामिल किया है।
क्या कहते हैं महाप्रबंधक….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए सिरमौर में उद्योग विभाग के महाप्रबंधक जीएस चौहान ने कहा कि युवाओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिरमौर में भी कई महिलाओं व पुरुषों ने इस योजना का लाभ लेकर अपने सपनों को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। उनका कहना था कि अगर सच्चाई से कोशिश की जाए तो निश्चित ही ये योजना किसी परिवार की आर्थिक स्थिति की तस्वीर ही बदल सकती है।