शिमला , 16 जनवरी : राजधानी से सटी ढली पंचायत के बनरेड़ू वार्ड में एंबुलेंस रोड़ न होने से किसानों को नकदी फसलों को मंडियों और मरीजों को अस्पताल पहूंचाने में बहुत परेशानी पेश आ रही है। हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा 18 करोड़ की लागत से इस वार्ड के एक ऊंचे टिल्ले पर हेलीपोर्ट बना दिया है जिसका इस वार्ड के अंतर्गत पड़ने वाले तीन गांव व उप गांव बनरेड़ू, कूफटू और बडफर के लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष डाॅ कुलदीप तंवर ने रविवार को मिडिया को जारी बयान में हेलीपोर्ट निर्मित करने का स्वागत किया है और साथ में सरकार से बनरेड़ू वार्ड की समस्याओं बारे ध्यान आकर्षित करवाया गया है । डाॅ तंवर ने बताया कि इस वार्ड में 90 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी राजधानी के साथ लगती ढली पंचायत के इस वार्ड में समस्याओं का अंबार है। अर्थात दीपक तले अंधेरे वाली कहावत चरितार्थ होती है।
बताया कि किसानों को अपनी नकदी फसलों को पीठ पर ढोकर सड़क तक लानी पड़ रही है। यदि कोई बीमार हो जाए तो इस बनरेड़ू वार्ड में एंबुलेंस भी नही आ पाती। दोनों भाजपा व कांग्रेस पार्टी के राजनीतिज्ञों को श्रेय लेने की होड़ लग रही है। धरातल पर स्थिति बिल्कुल विपरित है। लोगों की समस्याओं बारे नेताओं को चिंता ही नहीं है। बीते कुछ वर्ष पहले मुख्य बाईपास मार्ग से कूफटू तक 7 किमी संपर्क सड़क निर्मित करने बारे एक बार नाबार्ड द्वारा सर्वे करवाया गया था जोकि फाईलों में दफन हो गया। अनुसूचित जाति के लोग मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं।
उन्होने बताया कि कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र प्रदेश में सबसे पिछड़ा विधानसभा क्षेत्र है। हैरत है कि इस निर्वाचन के मशोबरा ब्लाॅक में किसी भी स्वास्थ्य संसथान में कोई भी 108 एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध नहीं है । स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाॅफ की कमी होने के कारण लोगों को अपना इलाज करवाने शिमला अथवा सोलन जाना पड़ता है । डाॅ तंवर ने सरकार से मांग की है कि बनरेड़ू वार्ड में हेलीपोर्ट के साथ साथ लोगों की सुविधा के लिए एंबुलेंस रोड़ बनाया जाए।