मंडी (वी कुमार) : इस बार का अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव कई मायनों में खास होने वाला है। मंडी जिला प्रशासन ने इस बार शिवरात्रि महोत्सव के दौरान मंडी की प्राचीन संस्कृति को फिर से उभारने की दिशा में सराहनीय प्रयास किए हैं और लोगों को जिला प्रशासन के यह प्रयास काफी हद तक पसंद भी आ रहे हैं। मंडी कलम को उभारते हुए जिला प्रशासन ने इस बार मंडयाली भाषा में निमंत्रण पत्र छापे जिसकी जमकर सराहना हो रही है।
इसी के साथ जिला प्रशासन इस बार देव ध्वनि के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन भी करने जा रहा है। देव ध्वनि कार्यक्रम में एक साथ करीब 2 हजार वाद्य यंत्रों को बजाया जाना है और प्रदेश में यह पहला मौका होगा जब इतने बड़े स्तर पर वाद्ययंत्रों को एक साथ बजाया जाएगा। इसके साथ ही अब जिला प्रशासन ने एक और प्राचीन कला को उभारने की दिशा में कार्य किया है और यह कला है लकड़ी की नक्काशी करने की। जिला प्रशासन ने परंपरागत कारीगरों की मदद से लकड़ी की नक्काशी करवाकर प्राचीन चित्रकारी को फिर से जीवित करने का प्रयास किया है।
मंडी रियासत की प्राचीन संस्कृति कैसी थी और यहां की देव संस्कृति किस प्रकार की है इन सब बातों को लकड़ी पर की गई नक्काशी के माध्यम से दर्शाने का प्रयास किया गया है। लकड़ी पर की गई नक्काशी को सब्जी मंडी से डीसी आफिस की तरफ जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे लगाया गया है। यहां पर रोजाना हजारों की संख्या में लोगों का आना जाना रहता है और शिवरात्रि महोत्सव के दौरान यहीं से ही पारम्परिक शोभायात्रा की शुरूआत भी होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने इसे इस स्थान पर लगाने का निर्णय लिया है। यह चित्रकारी अब रोजाना लोगों की नजरों के सामने रहेगी।
बता दें कि जिला प्रशासन इस वक्त मेले की तैयारियों में जुटा हुआ है और शहर को पूरी तरह से चकाचक किया जा रहा है। कहीं रंग रोगन का कार्य हो रहा है तो कहीं सड़कों पर पड़े हुए गढडों पर पैचवर्क किया जा रहा है। वहीं दूसरे ओर पड्डल मैदान की बात करें तो पड्डल मैदान में दुकानें सजने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। सोमवार को शिवरात्रि महोत्सव है जबकि मंगलवार को मंडी के अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आगाज होगा। इसका शुभारंभ प्रदेश के मुखिया वीरभद्र सिंह करेंगे, जबकि समापन राज्यपाल आचार्य देवव्रत द्वारा किया जायेगा।