शिमला, 28 नवंबर : हिमाचल प्रदेश सरकार ने जेसीसी बैठक में भले ही सूबे के लगभग पौने 3 लाख कर्मियों के लिए सौगातों की बरसात की है, मगर जेसीसी को लेकर पुलिस कर्मियों में भारी नाराजगी है, क्योंकि उनकी मांगों पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। रविवार को पुलिस कर्मचारी अचानक मुख्यमंत्री के सरकारी आवास ओक ओवर पहुंच गए।
इस दौरान पुलिस कर्मियों ने मुख्यमंत्री से 8 साल के बजाए 2 साल बाद संशोधित वेतन देने की मांग उठाई। तर्क था कि सरकार ने जेसीसी की बैठक में अनुबंध काल को 3 से 2 साल करने का फैसला लिया है।
ऐसे में 2 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद जब अन्य विभागों के कर्मचारियों को पूरा वेतनमान दिया जा सकता है तो 2015 के बाद भर्ती हुए पुलिस जवानों को संशोधित वेतनमान प्रदान करने के लिए 8 साल के सेवाकाल का राइडर क्यों नहीं हटाया जा सकता।
जानकारी के अनुसार पुलिस कर्मचारियों के ओकओवर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस जवानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांग पर सरकार प्रभावी कदम उठाएगी तथा वित्त विभाग के अधिकारी सोमवार को बैठक कर सभी पहलुओं को देखते हुए उचित रास्ता निकालेगें। वित्त विभाग की बैठक में पुलिस की तरफ से कुछ प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस बीच मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद भी पुलिसकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर मैस बंद रखने का निर्णय लिया है। कर्मियों का कहना है कि वह सरकारी मैस में खाना नहीं खाएंगे। माना जा रहा है कि सोमवार को होने वाली अहम बैठक पर पुलिस जवानों की नजर रहेगी।