नाहन – शाही महल में मंगलतिलक को लेकर आम लोगों की जिज्ञासा बढ़ने लगी है। 15 मई को महल में जयपुर की राजमाता पदमिनी देवी के नाती लक्ष्यराज का मंगल तिलक होने जा रहा है। दरअसल संपति के कानूनी विवाद के चलते यह महल दशकों से बंद पड़ा हुआ था। इसी कारण महल खस्ताहाल हो रहा था। लेकिन शाही कार्यक्रम के मद्देनजर महल की दुर्दशा को युद्धस्तर पर सुधारा जा रहा है। करीब दो साल पहले शाही परिवार के कानूनी वारिसों के बीच कानूनी जंग खत्म हो गई। लेकिन बावजूद इसके महल में कोई खास हलचल नहीं हुई। आम लोगों को लगता है कि महल के कपाट खुलने से जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं महल के भीतर स्थित प्राचीन खेड़ा मंदिर में भी आम लोग शीश नवाज सकेंगे। सिरमौर के अंतिम शासक का राजतिलक 1934 में हुआ था। अंतिम शासक का देहांत 1964 में हुआ। लेकिन उसके बाद 49 साल के इतिहास में महल में कोई राजसी आयोजन नहीं हुआ। शासक की अंतिम यात्रा में जरूर कई रियासतों के शासकों का हुजूम उमड़ा था। 15 मई को आयोजित हो रहे मंगल तिलक का अगर जयपुर कनेक्षन नहीं होता तो शायद यह आयोजन चर्चा का विषय नहीं बनता। नाहन शहर की आबादी के एक बडे़ हिस्से ने महल नहीं देखा है। यही वजह है कि लोगों में जिज्ञासा बढ़ रही है।
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