सोलन, 2 सितंबर : 108 सेवा को अब जीवन दायिनी के रूप में भी पहचाना जाता है। मगर ये तभी संभव होता है, जब ईएमटी व पायलट गंभीरता से अपने कर्त्तव्य को निभाएं। इस कसौटी पर ईएमटी संगीता शर्मा बखूबी उतरती नजर आ रही हैं। अपने कार्यकाल में जिंदगी व मौत के बीच जंग लड़ने वाली असंख्य जिंदगियों को बेहतरीन कार्य से मौत के मुंह में जाने से बचाया।
इसके अलावा उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। अब ईएमटी संगीता शर्मा को 108 की सालाना मैग्जीन में स्थान मिला है। इसमें संगीता शर्मा की उपलब्धियों को वर्णित किया गया है। ईएमटी संगीता ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि इससे उनका मनोबल बढ़ा है। भविष्य में भी वो अपने संकल्प पर कायम रहेंगी। उनका कहना था कि पीड़ित मानवता की सेवा करना ही मुख्य ध्येय है। दीगर है कि कोविड संकट में 108 कर्मियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। निश्चित तौर पर सरकार व प्रशासन को भी ऐसे कर्मियों का मनोबल बढ़ाना चाहिए।
कुल मिलाकर ईएमटी संगीता शर्मा अपने साथियों व मेडिकल सेवा से जुडे लोगों के लिए प्रेरणा बनी है। सनद रहे, ईएमटी संगीता शर्मा हर वक्त डयूटी के लिए तैयार रहती है। छुट्टी भी बेहद ही जरूरी हो तो लेती हैं।