मंडी (वी कुमार) : महाशिवरात्रि का पर्व मनाने के लिए छोटी काशी मंडी में बाबा भूतनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग में पहला मक्खन चढ़ाकर बाबा का श्रृंगार शुरू कर दिया गया है। इसी के साथ महाशिवरात्रि पर्व का शुभारंभ माना जाता है। बाबा भूतनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग पर 5 फरवरी की रात को मंदिर के महंत की ओर से पहला मक्खन चढ़ाया गया। महाशिवरात्रि त्योहार के शुरू होने से एक माह पहले शिवलिंग पर मक्खन का लेप चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
गौरतलब है कि भूतनाथ मंदिर में एक माह तक शिवलिंग पर जल नहीं चढाया जाता है। सदियों से राजाओं द्वारा निभाई जा रही इस परंपरा को आज भी मंडी जनपद के लोग श्रद्धापूर्वक शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाकर निभा रहे हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए रखी गई जल की गागर को एक माह के लिए उतार दिया जाता है। जल की गागर को उतारने के बाद शिवलिंग पर मक्खन का लेप लगाया जा रहा है। पूरे वर्ष में ग्यारह महीने तक शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है। एक माह मक्खन का लेप लगाया जाता है।
मान्यता है कि शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। एक माह तक बाबा भूतनाथ मंदिर में मक्खन चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता शुरू हो जाएगा। 6 मार्च की रात को महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग से मक्खन उतार दिया जाएगा। मक्खन को पिघलाकर धृत को सुबह-शाम की आरती के समय जोत प्रज्वलित की जाती है। बाबा भूतनाथ मंदिर की स्थापना 1527 ईस्वी में हुई। 1527 ईस्वी में जब मंडी शहर बसा तभी से राजा अजबर सेन के समय मंडी में महाशिवरात्रि का पर्व मेले के रूप में शिव-पार्वती के पूजन के साथ मनाया जा रहा है।
तब से लेकर आज तक इस पौराणिक परंपरा को निभाने के लिए मंदिर के महंत, पुजारी, श्रद्धालु व जिला प्रशासन सभी औपचारिकताओं के साथ निभा रहे हैं। यह प्रथा सदियों पुरानी है। शिवलिंग को एक महीने तक मक्खन के अंदर ही रखा जाता है। इस दौरान जल के बदले मक्खन चढ़ाया जाता है। महाशिवरात्रि को सुबह चार बजे मक्खन निकालकर शिवलिंग का शिवरात्रि महोत्सव के लिए श्रृंगार किया जाएगा।