सोलन/ नाहन, 18 अगस्त : भारत के संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में 204वां रैंक हासिल करने वाली सोलन की बेटी चारू शर्मा को राजगढ़ में बतौर डीएसपी (DSP) कमान मिली है। अप्रैल 2018 में जब यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, तब उनका सपना था कि हिमाचल कैडर मिले।
मूलतः सोलन के समीप ब्रुरी के समीप पड़ग पंचायत के जराई गांव की रहने वाली चारू शर्मा को अपने मनमाफिक हिमाचल कैडर (Himachal Cadre) मिल गया था। शुरूआती चरण में चारू शर्मा को ऊना के एसपी कार्यालय (SP Office) में अटैच किया गया था। दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स (School of Economics) से पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) कर चुकी चारू शर्मा ने बैंकिंग सेक्टर में अपना कैरियर शुरू भी कर लिया था, लेकिन बाद में आईपीएस बनने का मन बना लिया। दृढ़ लक्ष्य व कठिन परिश्रम से चारू ने सफलता भी हासिल की।
ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाली चारू शर्मा ने 2018 में यूपीएससी का परीक्षा परिणाम आने के बाद यह भी साफ कर दिया था कि अगर आईपीएस (IPS) में सीट नहीं मिली तो दोबारा रैंक (Rank) सुधार का प्रयास करेगी। उल्लेखनीय है कि चारू ने 28 साल की उम्र में यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा को उत्तीर्ण किया था। तीन साल तक अलग-अलग ट्रेनिंग (Training) के बाद अब स्वतंत्र तौर पर डीएसपी का पदभार संभालने जा रही है। खास बात ये है कि पैतृक जन्मभूमि के काफी करीब ही सेवा करने का मौका हासिल हुआ है।
प्रारंभिक शिक्षा काॅन्वेंट ऑफ़ जीसस मेरी स्कूल शिमला से हासिल करने के बाद चारू ने दिल्ली के मिरिंडा हाऊस (Mirinda House) काॅलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई की है। आईपीएस चारू के कैरियर में एक खास बात ये है कि उन्होंने कभी भी पिता से पढ़ाई के दौरान कभी सुविधाओं की मांग नहीं की। चूंकि पिता यूको बैंक (UCO Bank) में उच्च पद पर आसीन थे, लिहाजा वो सुविधाएं हासिल कर सकती थी। लेकिन ऐसा न कर चारू ने पीजी में रहकर ही यूपीएससी की तैयारी की।
बता दें कि चारू के पिता यूको बैंक के महाप्रबंधक (General Manager) के पद से सेवानिवृत हुए हैं। बड़ी बहन डाॅ. गरिमा भी चारू की सफलता पर गर्व महसूस करती है। जराई गांव में कुसुमलता शर्मा व उमेश चंद्र के घर जन्मी चारू ने ये उपलब्धि कठिन परिश्रम व लग्न से हासिल की है।