मंडी (वी कुमार): घटना बल्ह तहसील के केंचडी गांव से जुड़ी हुई है। तीन बहन-भाई जंगल के रास्ते से घर लौट रहे थे। अचानक ही 13 वर्षीय चंचल व 15 वर्षीय धर्मा पर जंगली सूअर ने हमला बोल दिया। लेकिन खुद 14 साल के गौरव के हौंसले को दाद देनी पड़ेगी क्योंकि वह कतई नहीं घबराया ओर न ही संयम छोड़ा। जंगली सूअर उस वक्त हार मान गया, जब गौरव ने अपनी पहलवानी का अनुभव सूअर पर आजमाया। खुद घायल हुआ, लेकिन बहनों को आंच तक नहीं आने दी।
परिवार गरीब है। गौरव के उपचार के लिए बुआ गोमती देवी ने एसडीएम सदर से गुहार लगाई। इस तरह की जांबांजी के किस्से हिमाचल में कम ही मिलते हैं। अपनी जान की परवाह किए बगैर गौरव ने जिस अदम्य साहस का परिचय दिया है, उसकी समूचे क्षेत्र में जमकर प्रशंसा हो रही है। दीगर है कि जंगली सूअर से दो-दो हाथ करते वक्त गौरव घायल भी हुआ है, जिसका उपचार मंडी अस्पताल में चल रहा है। दसवीं कक्षा में पढऩे वाले गौरव का शोक कुश्ती भी है। शायद इसी अनुभव का फायदा गौरव को आत्मरक्षा के साथ-साथ बहनों को बचाने में काम आया होगा।
एसडीएम डॉ. मदन कुमार ने कहा कि मामले को डीएफओ सुंदरनगर को भेजा गया है, ताकि परिवार को आर्थिक मदद मिल सके। यहां यह बताना भी दीगर होगा कि जंगली सूअर का हमला बेहद खतरनाक होता है। खूंखार तरीके से हमले में बचना आसान नहीं होता। हाल ही में सरकाघाट उपमंडल में एक स्कूली छात्र प्रफुल्ल ने भी अपनी सूझबूझ से बस की ब्रेक लगाकर अपने साथियों को बचाने में अदम्य साहस का परिचय दिया था।