नाहन,16 जुलाई: बैंक खाते या फिर संपत्ति (Property) से आप अमीर नहीं बनाते, बल्कि इंसान सोच से भी अमीर हो सकता है। ये बात यूपी के रहने वाले दिहाड़ीदार (Daily Wager) मजदुर दिलराज ने रियल लाइफ (Real life) में साबित कर दिखाई है। ऐतिहासिक शहर में तालाबों(Ponds) के किनारे इन दिनों जामुन (Black Berry) के पेड़ों पर फल (fruit) की बाहर है। हर कोई इन पेड़ों (Trees) के नीचे से गुजरने के दौरान ललचाई (Tempted) नजरों से जामुनों की तरफ देखता है, लेकिन इस पर चढ़कर जामुन तोड़ना नामुमकिन (Impossible) होता है।
यकीन मानिए, उत्तर प्रदेश का रहने वाला एक गरीब (Poor) मजदूर इन पेड़ों (Trees) पर चढ़कर (Climbing up) पहले जामुन तोड़ता है, फिर आसपास के लोगों को मुफ्त (free) में बांट (Distribution) देता है। तुड़ान के दौरान जीवन (Life) का रिस्क (Risk) भी उठाता है। मजदूर अपने नाम को भी वास्तव में सार्थक कर रहा है। माता-पिता ने भी उसका नाम दिलदार रखा तो यही सोचा होगा कि दिलदार बनेगा। बेशक ही बैंक बैलेंस से नहीं अपितु अपनी सोच की बदौलत अमीर है।
बता दे कि इन दिनों शहर में जामुन 100 से ₹160 किलो के बीच बिक रहा है। से में 5 किलो जामुन तोड़ना भी दिलराज के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। मगर मजाल है कि वह इसे बेचने की नियत रखें। कुछ अन्य लोग भी पेड़ पर चढ़कर जामुन तोड़ रहे हैं, लेकिन वह इसे बेच देते हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो जामुन शुगर के मरीजों के लिए रामबाण से कम नहीं है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क में मजदूर दिलदार से सीधा सवाल किया कि वह ऊंचे पेड़ पर खुद को खतरे में डालकर जामुन तोड़ता है तो बेचता क्यों नहीं है। सरल स्वभाव में बोला बाबूजी किसी के मुंह में चला जाएगा तो अच्छा है। उसका कहना था कि हर गुजरने वाला जामुन खाने की इच्छा पाले होता है, लेकिन इसे तोड़ना आसान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि जामुन के पेड़ों पर मधुमक्खियों के भी बड़े छाते मौजूद होते हैं। ऐसे में जामुन तोड़ना और भी मुश्किल हो जाता है। कई मर्तबा जब दिल दिलदार मुफ्त में लोगों को जामुन ऑफर करता है तो कई लोग उसे पैसा देने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन मजाल है कि वह पैसा लेने के लिए तैयार हो जाए। यही बात लोगों नेएमबीएम न्यूज़ नेटवर्क को बताई।
दिलदार ने कहा कि वह दिहाड़ी के दौरान जब दोपहर में 1 घंटे का लंच होता है तो वह पेड़ के आसपास बैठकर ही पहले खाना खा लेता है। इसके बाद 30- 40 मिनट जामुन तोड़ता है फिर जो मांगता है उसे मुफ्त में ही दे देता है।
कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि जहां बड़े-बड़े अमीर लोग एक रुपया खर्च करने में भी कतराते हैं, वही दिलदार अपनी जान को खतरे में डाल कर पहले जामुन तोड़ता है, फिर लोगों में मुफ्त बांट देता है। अब आपको की ही तय करना है कि रियल लाइफ में असल अमीर कौन होता है। बहरहाल, दिहाड़ीदार दिलराज बना जामुन के शौकीनों के दिलो का राजा बन गया है।