बिलासपुर,01 जुलाई : मौसम की मार व गर्मी के कारण बदहाल हुआ जनजीवन मक्की व धान की फसल पर प्रभाव डाल रहा है। बारिश न होने के कारण पानी की किल्लत से मक्की व धान की फसल सूखने के कगार पर है। प्रदेश में समय पर मानसून के न आने के कारण दिन प्रतिदिन गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है। हालात यह है कि सुबह आठ बजे से लेकर रात तक आदमी व फसल कड़ाके की गर्मी से झुलस रहे हैं। इतना ही नहीं मानसून में देरी से मककी की फसल तबाह होने के कगार पर है।
प्रदेश में सर्दियों में भी कम बारिश हुई जिस कारण खड्डों व जल स्त्रोतों में पानी नहीं हुआ लेकिन अब गर्मी की मार एसी पड़ रही है कि अधिकतर पेयजल योजनाएं ड्राई हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराने लगा है। गर्मी के कारण खेतों में बिजी गई मक्की व धान की फसल भीषण गर्मी के कारण झुलस कर रह गई है। मानसून का कोई भरोसा नहीं है अगर अब समय पर बारिश नहीं हुई तो फसल तो बर्बाद होगी ही लेकिन आदमी को भी फसल न होने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है
बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर जैसे निचले जिलों में पारा 42/45 के बीच पहुंच गया है और इस कारण बिजली की वोल्टेज की समस्या पैदा हो रही है। भारी गर्मी के कारण बीमारियां बढ़ने लगी है क्योंकि लोगों को साफ पानी नहीं मिल रहा है। जुलाई माह के पहले हफ्ते बारिश नहीं हुई तो फसल तो बर्बाद होगी साथ ही बारिश की कमी के कारण पशुओं को चारे की समस्या भी बढ़ जाएगी। दिन रात हो रही गर्मी के कारण आम जनता परेशान है अब लोगों को इंतजार है कि कब मानसून आए और भारी बारिश ज़मीन को तृप्त करे ताकि दिन प्रतिदिन सूख रही फसलों को कुछ सहारा मिल सके।